नई दिल्लीः महाराष्ट्र के मंडोर और गुजरात में एनएच-48 पर जहां टाटा के पूर्व सीईओ साइरय मिस्त्री (Cyrus Mistry ) की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी, वहां के सड़क सुरक्षा ऑडिट के कुछ नतीजे सामने आए हैं. नतीजों में सड़क का खराब रखरखाव, ड्राइवरों का मार्गदर्शन करने वाले बोर्ड का न होना, तकरीबन 24 से ज्यादा मोड़ और उनके पहले संकेत बोर्ड की कमी जैसी चीजें सामने आई हैं. दुर्घटना का ऑडिट इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) की एक टीम द्वारा किया गया है.

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गौरतलब है कि उद्योगपति साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) और उनके एक साथी की 4 सितंबर को कार दुर्घटना में मौत हो गई थी. इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) के इंडिया चैप्टर की टीम द्वारा ऑडिट में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कम लागत वाले तरीकों की सिफारिश की गई है. इनमें डायवर्सन और पुलों से पहले गति सीमा में कमी, कम कैरिजवे और ओवरटेकिंग के खिलाफ चेतावनी, मैंटनेंस, मोड़ और ड्राइवरों को मार्गदर्शन करने के लिए उचित संकेत बोर्ड आदि को शामिल करने का सुझाव दिया गया है.


इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) एमेरिटस के अध्यक्ष के.के. कपिला ने बताया कि पालघर में दुर्घटना के एक हफ्ते बाद ही ऑडिट किया गया था. ऑडिट भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की सहमति के बाद किया गया था. रिपोर्ट को कार्रवाई के लिए एमओआरटीएच और एएनएचएआई को भेज दिया गया है. 


आईआरएफ-इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष सतीश पारख ने कहा, ’’इस लोकेशन पर, पुल पर दो लेन का कैरिजवे है. पारख ने कहा, ऑडिट में पाया गया कि इस सेक्शन पर कई बड़े और छोटे स्ट्रक्चर्स हैं, जिनमें फ्लाईओवर, वाहनों के नीचे के पास, पैदल यात्री अंडर पास, पुल और पुलिया आदि शामिल हैं. जिस स्थान पर दुर्घटना हुई है, वहां तीसरी लेन के लिए एक डायवर्सन बनाया गया है, लेकिन वहां कोई संकेत बोर्ड नहीं है. 

ऑडिट विशेषज्ञों ने पुल से पहले 500 मीटर और 250 मीटर पर ’नैरो ब्रिज अहेड’ साइन, 400 मीटर और 200 मीटर पर ’रिड्यूस कैरिजवे-लेफ्ट लेन रिड्यूस्ड’ साइन और ’राइट-हैंड कर्व वार्निंग’ के चेतावनी संकेत लगाने की सिफारिश की है. इसके साथ रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि ’रिड्यूस स्पीड लिमिट’ के साइन पुल से एक किमी दूर लगाए जाने चाहिए. 


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