Protest for Palestine: बीते तकरीबन 3 महीने से इजरायल और हमास के दरमियान जंग जारी है. जंग में गाजा में 22 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं. अमेरिका में इजराइल-हमास के दरमियान जंग को लेकर संघर्ष विराम की मांग जोर पकड़ रही है. इसे लेकर यहां के लोगों प्रदर्शन शुरू कर दिया है. यह प्रदर्शन अमेरिका के सिएटल में हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की वजह से शनिवार को सिएटल में 'इंटरस्टेट 5' पर उत्तर की ओर जाने वाली सड़कों पर लंबा जाम लग गया. प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन के समर्थन में नारे भी लगाए. राज्य परिवहन विभाग ने 'एक्स' पर कहा कि एक जगह पर करीब 9.7 किलोमीटर से अधिक लंबा जाम लग गया और ड्राइवरों से दूसरे रास्ते का इस्तेमाल करने को कहा. प्रदर्शनकारियों ने 'फ्री, फ्री फलस्तीन' (फलस्तीन को मुक्त करो) और 'हे हे, हो हो, ऑक्यूपेशन हैज टू गो' (आक्रमणकारियों को वापस जाना होगा) के नारे लगाए.


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जो बाइडन ने शुरू किया प्रचार
ये प्रदर्शन ऐसे वक्त हो रहे हैं जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. उन्होंने अपने प्रचार की मुहिम "लोकतंत्र बचाओ" के नारे से शुरू की है. यह जो बाइडेन ही हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में इजरायल-फलस्तीन के दरमियान जारी संघर्ष पर सीजफायर के लिए वीटो का इस्तेमाल किया था. अमेरिका का कहना था कि इलाके में जंगबंदी से हमास को फायदा होगा.
 
22 हजार लोगों की मौत
ख्याल रहे कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर 5 हजार मिसाइलों से हमला किया. इस हमले में इजरायल के 1200 लोग मारे गए. इसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की. पहले इजरायल ने हवाई जहाज से हमला किया. इसके कुछ दिनों बाद इजरायल ने जमीनी स्तर पर हमला करना शुरू किया. इन हमलों में फिलिस्तीनी इलाके गाजा में तीन महीने में तकरीबन 22 हजार लोग मारे गए.


दवाओं की किल्लत
जब से इजरायल ने गाजा पर हमला करना शुरू किया है तब से यहां जरूरी चीजों की कमी हुई है. अस्पतालों में इलाजे के लिए दवाएं और जरूरी सामान भी नहीं बचा है. इजरायल के सैनिकों ने गाजा के लोगों से कहा था कि वह उत्तरी गाजा को छोड़कर दक्षिणी गाजा में चले जाएं. वह जगह सुरक्षित है. लेकिन हाल के दिनों में इजरायल के सैनिकों ने दक्षिणी गाजा में हमले किए हैं. इस दौरान संयुक्त राष्ट्र ने लगातार बताया है कि यहां जरूरी चीजों की कमी है. इलाज के लिए दवाओं और सामान की कमी है. अब UN के अफसरों ने कहा है कि गर्भवती औरतों और बच्चों को जरूरी पोषण नहीं मिल पा रहा है.