Russia Ukraine war: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले दो सालों से युद्ध चल रहा है. इस जंग में अब तक 1 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें सबसे ज़्यादा 50 हज़ार यूक्रेनी सैनिकों की मौत हुई है. इस बीच दोनों देशों के बीच भीषण युद्ध छिड़ गया है. यूक्रेन आक्रामक मूड में है और अमेरिका और ब्रिटेन की मदद से रूस पर ड्रोन हमले कर रहा है.


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अमेरिका और ब्रिटेन पर होगा परमाणु हमला
इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और ब्रिटेन को कड़ी चेतावनी दी है. पुतिन ने 25 सितंबर की देर रात कहा कि रूस पर किसी दूसरे देश द्वारा हमला किए जाने का समर्थन करने वाले परमाणु शक्ति संपन्न देश को मास्को के परमाणु सिद्धांत के नए समझौते के तहत आक्रमण में भागीदार माना जाएगा.


परमाणु सिद्धांत पर होगा विचार
उन्होंने कहा कि परमाणु सिद्धांत में परिवर्तन पर विचार करने वाली रूस की सुरक्षा परिषद की बैठक में पुतिन ने घोषणा की कि दस्तावेज के संशोधित समझौते के मुताबिक, किसी परमाणु शक्ति संपन्न देश के समर्थन से किसी गैर-परमाणु शक्ति वाले देश द्वारा उनके देश के खिलाफ किए गए हमले को ‘‘रूसी संघ पर उनके संयुक्त हमले’’ के रूप में देखा जाएगा.


नाटो के धमकी के बाद पुतिन का हमला
पुतिन ने आगे कहा कि परमाणु हथियारों के उपयोग की शर्तों को स्पष्ट करने वाला यह परिवर्तन पुतिन द्वारा अमेरिका और दूसरी उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सहयोगियों को दी गई चेतावनी के बाद किया गया है. चेतावनी में कहा गया था कि यूक्रेन को रूस पर हमले के लिए पश्चिमी देशों द्वारा आपूर्ति किए गए हथियारों का उपयोग करने की इजाजत देने का मतलब होगा कि रूस और नाटो के बीच युद्ध चल रहा है. 


इस हालात में रूस कर सकता है परमाणु हमले
मौजूदा सिद्धांत कहता है कि मास्को अपने परमाणु आयुधों का उपयोग ‘‘अपने और अपने सहयोगियों के विरुद्ध परमाणु और दूसरे प्रकार के हथियारों के उपयोग के जवाब में कर सकता है, साथ ही खतरे की स्थिति में रूसी संघ के विरुद्ध आक्रमण की स्थिति में पारंपरिक हथियारों का उपयोग कर सकता है. उन्होंने कहा कि दस्तावेज के संशोधित समझौता में परमाणु हथियारों के उपयोग की स्थितियों को ज्यादा विस्तार से बताया गया है और कहा गया है कि इनका उपयोग विमान, क्रूज मिसाइलों या ड्रोनों से बड़े पैमाने पर हवाई हमले की स्थिति में किया जा सकता है.