कराचीः पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा बुधवार को पोलियो टीम की सुरक्षा के लिए जा रहे पुलिस कर्मियों के ट्रक को निशाना बनाकर हमले किए गए. इस आत्मघाती हमले में कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई और 23 दीगर अफरा जख्मी हो गए. घायलों में 20 सुरक्षा कर्मी भी शामिल हैं. घायलों के इलाज के लिए क्वेटा के अस्पतालों में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. टीटीपी ने दो दिन पहले ही सरकार के साथ संघर्ष-विराम को वापस लेते हुए अपने लड़ाकों से मुल्कभर में हमले करने की अपील की थी.  

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पोलियो टीकाकरण मुहिम को सुरक्षा देने जा रही थी फोर्स 
अफसर के मुताबिक, यह आत्मघाती हमला उस वक्त हुआ, जब पोलियो टीकाकरण मुहिम में शामिल कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस फोर्स को ले जा रहा ट्रक क्वेटा के बलेली इलाके से गुजर रहा था. पुलिस उपमहानिरीक्षक गुलाम अजफर महेसर के मुताबिक, “हमला पुलिस के ट्रक के पास हुआ, जिसके असर से पोलियो ड्यूटी में तैनात स्टाफ को सुरक्षा देने जा रहे पुलिस कर्मियों का वाहन पलटकर खाई में गिर गया.” महेसर ने कहा, ’’ अंदाजा है कि हमले में 25 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया होगा.” धमाके की चपेट में कुल तीन वाहन आए है. यह एक आत्मघाती हमला था, क्योंकि मौके से एक आत्मघाती हमलावर के अवशेष बरामद हुए हैं.

अपने नेता की मौत का लिया बदला 
महेसर के मुताबिक, पुलिस की शुरुआती जांच से पता चला है कि एक रिक्शे में सवार आत्मघाती हमलावर ने पुलिस के ट्रक में टक्कर मारी थी. प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इस हमले की जिम्मेदारी है. टीटीपी ने कहा कि यह हमला अगस्त में अफगानिस्तान में अब्दुल वली उर्फ ​​उमर खालिद खुरासनी के कत्ल के बदले में किया गया है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले की निंदा करते हुए घटना की त्वरित जांच के निर्देश दिए हैं. 


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