लंदनः भारतीय मूल के कंजरवेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक (Rishi Sunak) मंगलवार को बकिंघम पैलेस में किंग चार्ल्स तृतीय (King Charles III) से मुलाकात के बाद ऑफिशियली तौर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए हैं. प्रधान मंत्री के तौर पर अपने पहले खिताब में, सुनक (Rishi Sunak) ने कहा, “ब्रिटेन आर्थिक संकट में है. इसलिए आर्थिक स्थिरता मेरे एजेंडे में सबसे ऊपर है. मेरे कार्य जोर से बोलेंगे.“ उन्होंने कहा, “मैं लोगों की मदद के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दूंगा. उम्मीद है कि मैं मांगों पर खरा उतरूंगा.“ इसी के साथ ऋषि सुनक भारतीय मूल के प्रथम ब्रिटिश प्रधानमंत्री बन गए हैं. वह ब्रिटेन के पिछले 210 सालों के इतिहास में सबसे कम उम्र वाले प्रधानमंत्री बनने का भी खिताब हासिल कर चुके हैं.  

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आम चुनाव से अभी इंकार 
लिज़ ट्रस के प्रधानमंत्री के रूप में पद छोड़ने से शुरू हुई टोरी नेतृत्व प्रतियोगिता जीतने के बाद सुनक सात सप्ताह में यूके के तीसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं. सोमवार को टोरी सांसदों द्वारा चुने जाने के बाद, उन्होंने देश को गंभीर आर्थिक चुनौती का सामना करने की चेतावनी दी थी. सुनक ने लेबर, स्कॉटिश नेशनल पार्टी, लिबरल डेमोक्रेट्स और ग्रीन पार्टी की अपील के बावजूद, एक प्रारंभिक आम चुनाव से अभी इनकार किया है. 


ब्रिटेन की राजनीति में कदम रखने के साथ ही सात सालों के अंदर वहां के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने वाले ऋषि सुनक का सफर कुछ इस तरह रहा है;


सांसद से लेकर प्रधानमंत्री तक का सफर 


2015 : पहली बार 2015 में ऋषि सुनक को रिचमॉन्ड, यॉर्कशायर का सांसद चुना गया.
2016 : सुनक ‘ब्रेक्जिट’ (यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने) के हिमायती हैं और उन्होंने इसके पक्ष में मुहिम भी चलाई थी. उनके इस कदम ने आने वाले सालों में टोरी पार्टी में उनका कद बढ़ा दिया. 
2018 : तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरेजा मे की सरकार में, ऋषि सुनक को पहली बार मंत्री बनाया गया और उन्हें आवास, समुदाय और स्थानीय शासन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई.
जुलाई 2019 : सुनक ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद के लिए बोरिस जॉनसन की हिमायत की और उन्हें इसका इनाम तत्कालीन चांसलर साजिद जावेद के मातहत मंत्री के तौर पर नियुक्ति के रूप में मिला.
फरवरी 2020 : ब्रिटिश चांसलर और तत्कालीन प्रधानमंत्री के बीच सत्ता की रस्सकशी को लेकर साजिद जावेद के इस्तीफा देने के बाद बोरिस जॉनसन ने ऋषि सुनक को चांसलर के रूप में प्रोमोट कर दिया.
अप्रैल 2020 : कोविड-19 महामारी की वजह से मार्च 2020 में ब्रिटेन में पूर्ण लॉकडाउन लगने के बाद, ऋषि सुनक द्वारा काफी संख्या में नौकरियां बचाने और कारोबार को राहत प्रदान करने वाले कदम उठाए जाने को लेकर उनकी तारीफ की गई.
 2021 : पार्टीगेट घटना की वजह से जॉनसन के प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के लिए समस्याएं पेश आने के बाद उनके वारिस के रूप में सबसे पसंदीदा नेता के तौर पर ऋषि सुनक का नाम उभर कर सामने आया. हालांकि, भारतीय मूल के चांसलर ने उस वक्त मिली जिम्मेदारियों पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया.
फरवरी 2022 : ब्रिटेन के चांसलर सुनक ने कबूल किया कि वह डाउनिंग स्ट्रीट स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में जॉनसन के जन्मदिन के कार्यक्रम में मौजूद थे. यह कार्यक्रम लॉकडाउन के तहत लागू नियमों का उल्लंघन करके किया गया था.
अप्रैल 2022 : अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति को इंफोसिस कंपनी से हुई अपनी आमदनी पर ब्रिटेन में कथित तौर पर टैक्स नहीं देने को लेकर वह और सुनक मीडिया की सुर्खियों में रहे.
जुलाई 2022 : टैक्स चोरी के आरोपों के बाद ऋषि सुनक ने चांसलर के पद से इस्तीफा दे दिया. 
8 जुलाई 2022ः सुनक ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के तौर पर जॉनसन की जगह लेने के लिए अपनी दावेदारी पेश की 
20 जुलाई 2022 : ब्रिटिश प्रधानमंत्री ओहदे के मुकाबले के आखिरी चरण में लिज ट्रस से मुकाबला करने के लिए सुनक 137 वोट के साथ कंजरवेटिव पार्टी में सबसे आगे रहे.
30 अगस्त 2022 : ऋषि सुनक खेमे ने ट्रस पर जांच से बचने का इल्जाम लगाया.
1 सितंबर 2022 : ऋषि सुनक ने चुनाव प्रचार से जुड़े आखिरी कार्यक्रम में अपने माता-पिता और पत्नी अक्षता मूर्ति का, उनके सहयोग के लिए आभार जताया.
5 सितंबर 2022 : ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री बनने के लिए कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में लिज ट्रस ने सुनक को हराया. 
14 अक्टूबर 2022 : ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने शेयर बाजार में घबराहट के माहौल के बीच चांसलर पद से क्वासी क्वार्तेंग को बर्खास्त कर दिया.
20 अक्टूबर 2022ः ट्रस ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के महज छह हफ्ते बाद, सांसदों के बगावत का सामना करने के बीच इस्तीफा दे दिया.
24 अक्टूबर 2022 : दिवाली के दिन पेनी मॉर्डंट के दौड़ से हटने की घोषणा के बाद सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुन लिया गया.
25 अक्टूबर 2022 : ऋषि सुनक को महाराजा चार्ल्स तृतीय ने भारतीय मूल का पहला ब्रिटिश प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया.


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