न्यूयॉर्कः मशहूर भारतीय-अमेरिकन लेखक और उपन्यासकार सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) के साहित्यिक एजेंट ने कहा है कि पश्चिमी न्यूयॉर्क में अगस्त में एक साहित्यिक कार्यक्रम में मंच पर पहुंचे एक शख्स के हमले से उबरने के बाद लेखक की एक आंख की रोशनी (lost Eye sight) चली गई और हाथ अक्षम हो गया है. साहित्यिक एजेंट एंड्रयू वायली ने शनिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में स्पेनिश भाषा के समाचार पत्र ‘एल पेस’ को बताया है कि हमले में रुश्दी (Salman Rushdie) की गर्दन पर तीन गंभीर घाव और उनकी छाती और धड़ पर 15 जख्म हुए हैं. उनकी एक आंख की रौशनी हमेशा के लिए चली गई है और एक हाथ ने काम करना बंद कर दिया है. 


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हमलावर न्यूजर्सी के जेल में है बंद 
सलमान रुश्दी पर हमला करने का मुल्जिम न्यूजर्सी के फेयरव्यू का हादी मतेर इस वक्त जेल में बंद है. हमले के बाद रुश्दी का पेनसिलवेनिया के अस्पताल में इलाज हुआ था, जहां कुछ वक्त तक उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. वायली ने बताया कि इस ‘‘बर्बर हमले’’ में रुश्दी के बांह की नसें कट गई हैं. वायली ने अखबार से कहा कि वह यह नहीं बताएंगे कि रुश्दी अस्पताल में ही हैं या फिर कहां हैं? वायली ने कहा, ‘‘वह जीवित हैं...यह सबसे खास चीज है.’’ रुश्दी पर हमलावर ने इस्लाम और पैगम्बर के बारे में लिखे जाने से नाराज होकर हमला किया था.  

‘द सैटेनिक वर्सेज’ से नाराज है मुस्लिम वर्ल्ड 
गौरतलब है कि रुश्दी (75) के उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेज’ (The Satanic Verses) के प्रकाशन के बाद ईरान के अयातुल्ला खामनेई ने 1989 में उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया था. इस वजह से रुश्दी ने कई सालों तक छिपकर गुजारे थे. हालांकि पिछले दो दशकों में, उन्होंने स्वतंत्र रूप से यात्राएं कर रहे थे. रुश्दी के नोवल ’द सैटेनिक वर्सेज’ के प्रकाशन के बाद पूरी दुनिया के मुसलमान नाराज हो गए थे. रुश्दी को दुनिया भर के कई प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरुस्कार मिल चुके हैं. उन्होंने दो दर्जन से अधिक किताबें लिखी हैं. 


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