दुबईः 2015 में हज के आयोजन के समय क्रेन गिरने से हुई कई हाजियों की मौत के मामले में सऊदी अरब के एक क्रिमिनल कोर्ट ने इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी बिनलादिन ग्रुप पर 53 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही सात लोगों को जेल की सजा भी सुनाई है. 
गौरतलब है कि इस हादसे में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. तेज हवाओं के झोंके से, 1,350 टन की क्रेन ग्रैंड  मक्का मस्जिद पर गिर गई थी. एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, 11 सितंबर को क्रेन गिरने के दो सप्ताह से भी कम समय में, भगदड़ में तीर्थयात्रियों के कुचलने से 2,400 से ज्यादा लोग मारे गए थे. 

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सऊदी शासक की दुनियाभर में हुई थी किरकिरी 
2015 में आए इस आपदा ने सऊदी शाही परिवार के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गई थी, क्योंकि दुनिया भर में इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों के संरक्षक के रूप में उनकी भूमिका और मान्यता पर सवाल खड़े हो गए थे. उस समय वहां के शाह सलमान ने आंशिक रूप से निर्माण में शामिल विशाल क्रेन में आई खराबी को इस हादसे का दोषी ठहराया था. 

ओसामा बिन लादेन के परिवार की है कंपनी 
खास बात यह है कि बिनलादिन परिवार दशकों से सऊदी अरब के शासक परिवार के करीब रहा है और प्रमुख निर्माण परियोजनाओं का देश में संचालन करता है. अल-कायदा के दिवंगत नेता ओसामा बिन लादेन भी इसी परिवार का हिस्सा था, जिसे परिवार ने 1990 के दशक में उससे अपना रिश्ता तोड़ लिया था. 

कंपनी नहीं देगी मृतकों को मुआवजा 
ओकाज़ दैनिक ने मंगलवार को बताया कि लापरवाही और सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के लिए कंपनी पर 20 मिलियन सऊदी रियाल या लगभग 5.3 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है. तीन प्रतिवादियों को छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई और 30,000 रियाल (8,000 डॉलर) का जुर्माना लगाया गया और अन्य चार को तीन महीने की सजा सुनाई गई और 15,000 रियाल (लगभग 4,000 डॉलर) का जुर्माना लगाया गया है. ओकाज़ ने उनके नाम या राष्ट्रीयता की सूचना नहीं दी है.
अदालत ने फैसला सुनाया कि कंपनी को मारे गए लोगों के परिवारों को उनकी जान के लिए पैसे का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, इस मामले में सऊदी अरब के   बिनलादिन ग्रुप ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया हे. 

हज यात्रा के लिए चल रही है तैयारी 
वहीं, इस वक्त सऊदी अरब महामारी प्रतिबंध हटाने के बाद पहली बार मक्का और मदीना के लिए पहली हज यात्रा की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है. लाखों मुसलमानों के जून के आखिर में तीर्थ यात्रा करने की उम्मीद है.  


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