इसराइली सरकार के खिलाफ अपने ही देश के स्कूली छात्रों ने खोला मोर्चा; तेल अवीव से नेसेट तक निकाला मार्च
Gaza Israel Conflict: इसराइली सरकार का मानना है कि बाकी 129 बंधकों में से कम से कम 20 बंधकों की मौत हो चुकी है. इसराइली जेलों में हजारों फ़िलिस्तीनी हैं, जिन्हें बिना किसी मुकदमे और कानूनी सलाह के बिना रखा गया है.
Gaza Israel Conflict: इसराइली स्कूली स्टूडेंट्स ने आज यानी 25 दिसंबर को दूसरे दिन भी तेल-अवीव के होस्टेज चौराहे से यरूशलेम में इसराइली संसद नेसेट तक अपना मार्च जारी रखा. स्टूडेंट कफर अजा किबुत्ज इलाके के हैं, जो 7 अक्टूबर को हमास के हमलों के दौरान प्रभावित हुआ था. उन्होंने कहा कि हम अपने देशवासियों की रिहाई के लिए कुछ करना चाहते हैं. हमने सुनवाई के लिए नेसेट तक मार्च करने का फैसला किया. मौजूदा हालात में पढ़ाई से ज्यादा जरूरी बंधकों की रिहाई के लिए मार्च है. हमने अपने स्कूलों को भी सूचित कर दिया है.
11वीं कक्षा के स्टूडेंट माइकल ओरेन ने बताया कि उन्होंने (इसराइली प्रसाशन) हमें इस मार्च की इजाजत दे दी है. नौजवानों में भी ताकत है. ओरेन ने कहा, ''हम अपने लोगों के लिए मार्च निकाल सकते हैं. 7 अक्टूबर के हमले में उन्होंने अपने रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को खो दिया है." उन्होंने कहा, "मेरे कई दोस्त, जो इस मार्च का हिस्सा हैं, ने भी हमले में अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को खो दिया है."
24 दिसंबर को भारी बारिश और ठंडी हवाओं के बीच स्टूडेंट्स ने बंधकों की रिहाई के लिए मार्च शुरू किया. इस बीच स्टूडेंट्स ने बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे थे. हमास और इसराइल के बीच 24 नवंबर से 1 दिसंबर तक एक सप्ताह के सीजफायर के दौरान, हमास ने 105 बंधकों को रिहा कर दिया, जबकि 129 बंधक अभी भी हमास की कैद में हैं.
इसराइली सरकार का मानना है कि बाकी 129 बंधकों में से कम से कम 20 बंधकों की मौत हो चुकी है. इसराइली जेलों में हजारों फ़िलिस्तीनी हैं, जिन्हें बिना किसी मुकदमे और कानूनी सलाह के बिना रखा गया है. फ़िलिस्तीनी प्रिज़नर्स क्लब ने कहा है कि इसराइली बलों ने 7 अक्टूबर से कब्जे वाले वेस्ट बैंक में 4,655 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है.
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