Sri Lanka crisis Live Updates: प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय ने कहा कि श्रीलंका में आपातकाल और पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगा दिया है. उनके देश छोड़ते ही भारी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए हैं. श्रीलंका के प्रधानमंत्री आवास पर भारी संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. राष्ट्रपति आवास पर पहले से ही प्रदर्शनकारियों ने कब्जा जमा रखा है. देश की सरकार की व्यवस्था नहीं दिख रही है और भीड़ बेकाबू होती जा रही है.


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अब प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि पीएम रनिल विक्रमसिंघे भी जल्द से जल्द इस्तीफा दें. हालांकि रनिल विक्रमसिंघे ने भी सर्वदलीय सरकार बनने के बाद त्यागपत्र देने की बात कही है, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी है कि अगर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इस्तीफ़ा नहीं देते, तो हम फिर इकट्ठा होंगे और संसद और अन्य सरकारी इमारतों पर क़ब्ज़ा कर लेंगे. 


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वहीं श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में प्रधानमंत्री कार्यालय के पास से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं. हालांकि अब तक जो खबर आ रही है कि उसके मुताबिक श्रीलंगा प्रदर्शनक काफी शांतिपूर्ण रहा है. पीएम कार्यालय के अलावा गॉल फेस ग्रीन प्रदर्शन का मुख्य स्थान बना हुआ है, जहाँ दूर दूर से लोग आकर सरकार विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं.


इसी बीच श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है जिसमें कहा गया है कि गोटाबाया राजपक्षे और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे को श्रीलंका से बाहर भेजने में भारत ने मदद की है. उच्चायोग ने कहा कि वह यहां के लोगों की हिमयात करने की अपनी बात कायम है.


पहले भी भारत ने दिया था बयान
इससे पहले 10 जुलाई को उच्चायोग ने एक बयान जारी कर सोशल मीडिया पर चल रही उन खबरों का खंडन किया था जिसमें कहा जा रहा था कि भारत श्रीलंका में अपनी सेना भेज रहा है और आज फिर बयान जारी कर कहा है कि भारत श्रीलंका के लोगों की मदद जारी रखेगा.


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