ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में शामिल थे यूरोपीय देशों के नागरिक; कई गिरफ्तार !
Anti hijab protests in Iran: ईरान ने शुक्रवार को दावा किया है कि देश में चल रहे विरोध-प्रदर्शनों में जर्मनी, पोलैंड, इटली, फ्रांस, नीदरलैंड और स्वीडन के नागरिक शामिल थे. उनमें से नौ विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया किया है.
दुबईः ईरान में चल रहे हिजाब विरोधी प्रदर्शनों (hijab protests in Iran) ईरान ने शुक्रवार को दावा किया है कि देश में चल रहे विरोध-प्रदर्शनों में जर्मनी, पोलैंड, इटली, फ्रांस, नीदरलैंड और स्वीडन के नागरिक शामिल थे. उनमें से नौ विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार)को लेकर जहां सरकार ने इसे विदेशी फंडों से चलने वाला प्रदर्शन बताया था, और इसे अमेरिकी और यूरोपीयन देशों की साजिश करार दिया है, वहीं शुक्रवार को ईरान ने एक नया दावा किया है. ईरान के खुफिया मंत्रालय ने दावा किया है कि उसने देश में हाल में भड़के हिजाब विरोधी प्रदर्शनों को लेकर नौ विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. सरकारी समाचर एजेंसी ‘इरना’ की खबर के मुताबिक, मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि गिरफ्तार लोगों में जर्मनी, पोलैंड, इटली, फ्रांस, नीदरलैंड और स्वीडन के नागरिक शामिल हैं, जो ईरान में चल रहे आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे थे.
ईरान के दावे का कोई सबूत नहीं
हालांकि स्पष्ट नहीं था कि क्या वे दोहरी नागरिकता वाले ईरानी थे. मंत्रालय ने अपने किसी भी दावे के लिए कोई सबूत नहीं दिया है. ईरान ने कई वर्षों में दोहरी नागरिकता वाले कई ईरानियों को जासूसी करने या राष्ट्रीय सुरक्षा को कम करने का आरोप लगाते हुए हिरासत में लिया है. आलोचकों ने ईरान पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रियायतें हासिल करने के लिए इस तरह के बंदियों को सौदेबाजी के चिप्स के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
हिजाब न लगाने के कारण हिरासत में ली गई लड़की की मौत
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ईरान की राजधानी तेहरान में कथित रूप से ठीक तरीके से हिजाब न लगाने के लिए पुलिस हिरासत में ली गई माहसा अमिनी नाम की एक महिला की मौत हो गई थी. इस मामले में अमिनी के परिवार के लोगों का कहना है कि अमीनी को हिरासत में पीटा गया था. इसके बाद देश में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. ईरान में महिलाएं अपना हिजाब उतार कर फेक रही है और सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं.
पुलिस ने कहा, दिल का दौरा पड़ने से हुई युवती की मौत
वहीं, पुलिस ने कहा है कि 22 वर्षीय युवती की मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई थी, और उनके साथ बदसलूकी करने से पुलिस ने इनकार किया है. ईरानी अधिकारियों ने कहा कि उनकी मौत की जांच की जा रही है. ईरान का दावा है कि बीते दो हफ्तों से किए जा रहे प्रदर्शनों को विदेशी नागरिकों ने भड़काया है. हालांकि प्रदर्शनकारियों ने इससे इनकार किया है.
विरोध- प्रदर्शन में 52 की मौत, 1500 हिरासत में
लंदन स्थित एक अधिकार समूह ने कहा कि लगभग दो सप्ताह पहले अमिनी की मौत पर विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से सुरक्षा बलों ने कम से कम 52 लोगों को मार डाला है, जिसमें भीड़ में गोला बारूद दागना और प्रदर्शनकारियों को डंडों से पीटना शामिल है. सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में गोलीबारी और एक पुलिस वाहन को आग लगाते हुए दिखाया गया है. ईरानी राज्य टीवी ने बताया है कि 17 सितंबर से प्रदर्शन शुरू होने के बाद से कम से कम 41 प्रदर्शनकारी और पुलिस मारे गए हैं. 1,500 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है. पत्रकारों की सुरक्षा के लिए आधारित समिति ने गुरुवार को कहा कि कम से कम 28 पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है.
अमेरिका ने कई कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध
उधर, अमेरिका ने ईरानी पेट्रोलियम और पेट्रो-रसायन उत्पादों की ढुलाई और उनके वित्तीय लेन-देन को आसान बनाने को लेकर चीन, हांगकांग, भारत और संयुक्त अरब अमीरात के कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रो-रसायन उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंधों से बचने के प्रयासों पर काबू के लिए अमेरिका कार्रवाई कर रहा है. भारत की पेट्रो-रसायन कंपनी ‘तिबालाजी पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड’ पर प्रतिबंध लगाया गया है.
इससे पहले कई विशेषज्ञों ने ये दावा किया है कि ईरान में हिजाब के विरोध में चल रहा विरोध-प्रदर्शन अमेरिका द्वारा प्रायोजित है. वह इस बहाने ईरान को घेरना चाहता है और उसपर और ज्यादा आर्थिक प्रतिबंध लगाना चाहता है.
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