कई साल से बंपर र‍िटर्न दे रहा शेयर बाजार, 2025 में ज्‍यादा उम्‍मीद न पालें; एक्‍सपर्ट ने ऐसा क्‍यों कहा
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कई साल से बंपर र‍िटर्न दे रहा शेयर बाजार, 2025 में ज्‍यादा उम्‍मीद न पालें; एक्‍सपर्ट ने ऐसा क्‍यों कहा

Market Expectations for 2025: रेली ने कहा अबतक कई साल से मार्केट ने ज्‍यादा फायदा द‍िया है. लेक‍िन नए साल में निवेशकों को अपनी उम्मीदें कम करने की जरूरत है. बाजार में ज्‍यादातर न‍िवेशक ऐसे हैं जिन्होंने 2020 के बाद मार्केट में एंट्री की है. 

कई साल से बंपर र‍िटर्न दे रहा शेयर बाजार, 2025 में ज्‍यादा उम्‍मीद न पालें; एक्‍सपर्ट ने ऐसा क्‍यों कहा

HDFC Securities: अगर आप भी शेयर बाजार में न‍िवेश करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. साल 2025 में प‍िछले कुछ सालों के मुकाबले इक्‍व‍िटी र‍िटर्न कम म‍िल सकता है, एचडीएफसी सिक्योरिटीज की तरफ से यह उम्‍मीद जताई गई. कई साल की तेजी के बाद अब इक्‍व‍िटी इनवेस्‍टर को नए साल 2025 में अपने रिटर्न को लेकर उम्मीद कुछ कम करने की जरूरत है. ब्रोकरेज कंपनी की तरफ से कहा गया क‍ि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयर वाला निफ्टी साल 2025 के अंत में 26,482 अंक पर रहने की उम्मीद है, जो गुरुवार के 23,951 अंक के बंद स्तर से 10 प्रतिशत से ज्‍यादा की छलांग है.

कई साल से मार्केट ने ज्‍यादा फायदा द‍िया

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के एमडी और सीईओ धीरज रेली ने कहा कि 2025 में किसी भी अन्य एसेट क्‍लास की तुलना में शेयरों का प्रदर्शन बेहतर होगा. इसके साथ ही भारत की लॉन्‍ग टर्म कहानी भी बरकरार है. रेली ने कहा, ‘अबतक कई साल से मार्केट ने ज्‍यादा फायदा द‍िया है. लेक‍िन नए साल में निवेशकों को अपनी उम्मीदें कम करने की जरूरत है.’ बाजार में ज्‍यादातर न‍िवेशक ऐसे हैं जिन्होंने साल 2020 के बाद मार्केट में एंट्री की है और उन्होंने अपनी इनवेस्‍टमेंट जर्नी में कभी भी तेज गिरावट नहीं देखी.

10 साल बाद निवेशकों की प्रतिक्रिया को लेकर चिंता जताई
ब्रोकरेज कंपनी की तरफ से 10 साल के बाद निवेशकों की प्रतिक्रिया को लेकर चिंता जताई है. धीरज रेली ने कहा, यहां बड़ी चिंता यह है कि हम पूरी तरह से वैल्‍यू मार्केट के साथ 2025 के करीब पहुंच रहे हैं. रेली ने यह भी कहा क‍ि अगले साल अमेरिका में नीतिगत बदलावों से महंगाई बढ़ सकती है और मॉनेटरी पॉल‍िसी के तहत उठाए गए कदम इससे निपटने के लिए अपर्याप्त होंगे. रेली ने कहा, मॉनीटरी पॉल‍िसी केवल महंगाई की मांग पक्ष को ही संबोधित कर सकती हैं.

ग्‍लोबल डेब्‍ट बढ़कर करीब 323 ट्रिलियन डॉलर हुआ
उन्‍होंने कहा, यदि टैरिफ ज्‍यादा वस्तुओं को महंगा बनाते हैं और लगातार ज‍ियो-पॉल‍िट‍िकल इश्‍यू सप्‍लाई साइड को ज्‍यादा कठिन बनाते हैं. इससे महंगाई के मोर्चे पर और ज्‍यादा प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं. उन्‍होंने यह भी कहा क‍ि बढ़ता हुआ ग्‍लोबल डेब्‍ट बाजारों के लिए चिंता का विषय है. ग्‍लोबल डेब्‍ट बढ़कर करीब 323 ट्रिलियन डॉलर है. यह ग्‍लोबल जीडीपी से कई गुना ज्‍यादा है. मुझे लगता है ये टिकाऊ नहीं हैं और वह भी जब आपके पास विशेष रूप से अभी भी अधिक ब्याज दर चल रही है.

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