Imran Khan Petition Reject: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के चीफ़ इमरान ख़ान को इस्लामाबाद की एक ज़िला और सेशन कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने सोमवार को इमरान ख़ान की उस अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया, जिसमें तोशख़ाना मामले में उनके ख़िलाफ़ जारी ग़ैर-ज़मानती गिरफ्तारी वारंट को कैंसिल करने का मुतालबा किया गया था. इस्लामाबाद की एक अदालत ने तोशाख़ाना केस में पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान ख़ान की उस अर्ज़ी पर अपना फैसला महफ़ूज़ रख लिया जिसमें उन्होंने अपने गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने की अपील की है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


इमरान ने कोर्ट का सम्मान किया: वकील
इमरान ख़ान के वकील अली बुख़ारी, क़ैसर इमाम और गौहर अली ख़ान ज़िला और सेशन कोर्ट में पेश हुए, जहां बुख़ारी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने हमेशा अदालत के आदेशों पर अमल किया है. इमाम ने दलील दी कि अगर 70 साल के इमरान ख़ान को सात मार्च को अदालत में पेश होना है, तो इस्लामाबाद पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती. इस पर जस्टिस ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सद्र को वारंट कैंसिल कराने के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट का रुख़ करना चाहिए. बहरहाल, इमाम ने जस्टिस से कहा कि वे चाहते हैं कि सेशन कोर्ट वारंट कैंसिल करे.



 28 फरवरी को जारी हुआ था वारंट
एडिशनल सेशन जस्टिस ज़फ़र इक़बाल ने 28 फरवरी को तोशाख़ाना मामले में इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया था. पाकिस्तान में तोशाख़ाना एक सरकारी डिपार्टमेंट है, जहां अन्य देशों की सरकारों के प्रमुखों, विदेशी हस्तियों के ज़रिए प्रेसिडेंट, पीएम, मेंबर्स ऑफ़ पार्लियामेंट, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए तोहफ़ों को रखा जाता है. इमरान ख़ान पर तोशाख़ाना में रखे गये तोहफों (जिसमें उन्हें तत्कालीन पीएम होने के नाते मिली एक महंगी घड़ी भी शामिल है) को कम दाम पर ख़रीदने और फिर उसे बेचकर फ़ायदा उठाने का इल्ज़ाम है. 


Watch Live TV