इस्लाम के बुनियादी सिद्धांतों पर सवाल उठाने पर बहरीन में मचा बवाल
कट्टर इस्लामी देश माने जाने वाले बहरीन में इस तरह से इस्लाम पर सवाल उठाना वर्जित माना जाता है, लेकिन इस सवाल से देश में एक नया विवाद छिड़ गया है. शिया समूह द्वारा उठाए गए इस तरह के सवाल से शिया समुदाय का ही एक वर्ग नाराज हो गया है.
दुबईः खाड़ी देश बहरीन ने इस्लाम के बुनियादी उसूलों पर सवाल उठाने के इल्जाम में मंगलवार को तीन धर्म सुधारकों पर मुकदमा चलाने की योजना बनाई है. इस मामले में शिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक शिया सांस्कृतिक समूह ने धर्म की खुली चर्चा की वकालत की है, और इसके सदस्यों ने इस्लामी न्यायशास्त्र और विद्वानों की राय पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जबकि मुस्लिम दुनिया के कई हिस्सों में इस्लाम के बुनियादी चीजों को लेकर सवाल खड़े करना वर्जित माना जाता है. हालांकि, शिया समूह द्वारा उठाए गए इस तरह के सवाल से शिया समुदाय का ही एक वर्ग नाराज हो गया है.
गौरतलब है कि साइबर अपराधों में विशेषज्ञता वाले अभियोजकों ने तीन व्यक्तियों को एक आपराधिक अदालत में मुकदमा चलाया है. उन पर जानबूझकर इस्लामी धर्म की बुनियादी बातों पर सवाल उठाने का आरोप लगाया है, जिस पर दुनियाभर के मुसलमान आम राय रखते हैं और उसे मानते हैं. इस मामले में जलाल अल कसाब, रिदा रजब और नादेर रजब को आरोपी बनाया गया है कि क्योंकि ये तीनों बागी समूह के संस्थापक सदस्य हैं.
राजकीय बहरीन समाचार के मुताबिक, तजदीद नाम के एक संगठन ने यूट्यूब कार्यक्रमों की एक सिरीज बनाई है, जिसने बहरीन के कुछ शिया मौलवियों को भी नाराज कर दिया है. उन्होंने समूह के काम को इस्लाम पर हमले के रूप में चित्रित किया है और लोगों से इसके सदस्यों का बहिष्कार करने की अपील की है.
हालांकि, तजदीद का कहना है कि वह कुरान या पैगंबर मोहम्मद की किसी मौलिक शिक्षाओं पर सवाल नहीं उठाता है बल्कि वह धार्मिक विद्वानों और बाद में आए अन्य लोगों की राय, जिनमें आधुनिक विद्वान भी शामिल हैं, उनपर सवाल उठाए हैं. बहरीन में एक प्रमुख लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता नबील रज्जब, जो अतीत में अपने राजनीतिक विचारों के लिए जेल जा चुके हैं, ने विवाद पर, ताजदीद के खिलाफ “व्यवस्थित उकसावे“ को “मानवता का खुला उल्लंघन“ करार दिया है.
गारैतलब है कि सऊदी अरब के छोटे से द्वीप बहरीन में अमेरिकी नौसेना का 5वां बेड़ा है और यह सुन्नी शासक वाला देश है.
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