काबुल: तालिबान के एक प्रवक्ता एवं वार्ताकार ने रविवार को कहा कि चरमपंथी संगठन अफगानिस्तान में 'खुली, समावेशी इस्लामी सरकार' बनाने के मकसद से वार्ता कर रहा है.


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सुहैल शाहीन ने तालिबान के कुछ ही दिनों में देश के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लेने और राजधानी काबुल में घुस जाने के बाद यह बात कही है जहां अमेरिका अपने राजनयिकों एवं अन्य असैन्य नागरिकों को वापस बुलाने की जद्दोजहद में जुटा हुआ है.


इससे पहले, तालिबान के एक अफसर ने कहा था कि संगठन राष्ट्रपति भवन से एक नई सरकार का ऐलान घोषणा करेगा लेकिन वह योजना फिलहाल टलती दिख रही है.


अफगानिस्तान के संकटग्रस्त राष्ट्रपति ने रविवार को देश छोड़ दिया और तालिबान के आगे बढ़ने के बीच भगदड़ में शामिल अपने हजारों साथी नागरिकों एवं विदेशियों के साथ हो गए. यह देश के पुनर्निर्माण के मकसद से 20 साल के पश्चिमी देशों के प्रयोग के अंत का संकेत था.


तालिबान ने पूरी राजधानी में अपने पैर पसार लिए और चरमपंथी संगठन के एक अधिकारी ने कहा कि वह काबुल में राष्ट्रपति भवन से जल्द ही ‘इस्लामी अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ के गठन की घोषणा करेगा.


यह 9/11 के हमलों के बाद अमेरिकी नेतृत्व वाली सेनाओं के ज़रिए आतंकवादियों को खदेड़ने से पहले तालिबान शासन के तहत देश का नाम था. मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत न होने के कारण अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर ये जानकारियां दी. अल-जज़ीरा समाचार चैनल ने जो तस्वीरें प्रसारित कीं उनमें तालिबान लड़ाकों का एक समूह राष्ट्रपति भवन के अंदर नजर आ रहा है.


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