नई कार या बाइक खरीदने पर 1 सितंबर से बदल जाएगा यह नियम, जानें किसको होगा फायदा
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नई कार या बाइक खरीदने पर 1 सितंबर से बदल जाएगा यह नियम, जानें किसको होगा फायदा

सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2018 में IRDAI को थर्ड पार्टी को अनिवार्य करने को लेकर एक आदेश दिया था.

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली: अगर आप 1 सितंबर को या इसके बाद नई कार या कोई दोपहिया वाहन (स्कूटर-बाइक) खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपकी कार या बाइक पर थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस के नए नियम लागू होंगे. नए नियमों के मुताबिक अब नई कार के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस तीन साल के लिए होगा और नई मोटरसाइकिल या स्कूटर पर पांच साल के लिए होगा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2018 में IRDAI को थर्ड पार्टी को अनिवार्य करने को लेकर एक विशेष आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इसे 1 सितंबर से अनिवार्य तौर पर लागू करने को कहा था. अब इसी आदेश का पालन 1 सितंबर से होना है. 

  1. थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस ओनर के वाहन को पहुंची क्षति को कवर नहीं करता.

फिलहाल थर्ड पार्टी इश्योरेंस का नियम अनिवार्य तो है लेकिन यह सिर्फ एक साल के लिए है. IRDAI ने अपने गाइडलाइन में कहा है कि बीमा बेचते समय ही पूरे टर्म के लिए प्रीमियम की वसूली हो जानी चाहिए. लेकिन इसे सालाना आधार पर ही गिना जाएगा. 

साथ ही यह बीमा उस अवस्था में रद्द हो जाएगा अगर दो बार बीमा हो, गाड़ी की बिक्री हो जाए या खो जाए. IRDAI का कहना है कि उस साल के लिए प्रीमियम को आय माना जाएगा बाकी प्रीमियम को जमा माना जाएगा

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क्‍या है थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस कवर
मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक सड़क पर दौड़ रहे सभी वाहनों का थर्ड पार्टी मोटर बीमा होना अनिवार्य है. हर पॉलिसी में दो हिस्‍से होते हैं- थर्ड पार्टी कवर और ओन डैमेज. देश में सभी वाहनों के लिए थर्ड पार्टी कवर अनिवार्य है. यह वाहन से किसी थर्ड पार्टी को नुकसान की भरपाई करता है. यह ओनर के वाहन को पहुंची क्षति को कवर नहीं करता. थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस कवर का प्रीमियम प्रत्‍येक वर्ष IRDA तय करता है.

सिर्फ 45 फीसदी बाइक व स्‍कूटर ही बीमित
सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा पर अदालती कमेटी की सिफारिशों का उल्‍लेख करते हुए यह नियम अनिवार्य किया है. कमेटी ने सिफारिश की थी कि दोपहिया या चारपहिया वाहनों की बिक्री के समय थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस कवर एक साल की जगह क्रमश: 5 साल और 3 साल के लिए अनिवार्य जाए. मनीकंट्रोल की खबर के मुताबिक सिर्फ 45 फीसदी बाइक और स्‍कूटर का ही देशभर में बीमा है, जबकि 70 फीसदी कार का बीमा मौजूद हैं.

बीमा कंपनियां हैं खुश
साधारण बीमा कंपनियां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन को लेकर काफी खुश हैं. उनका कहना है कि जब इसे अनिवार्य बना दिया जाएगा तो बीमा कंपनियों के प्रीमियम में बढ़ोतरी होगी. इससे बीमा का दायरा भी बढ़ेगा. कंपनियां अगले माह से इसके लिए नए उत्पाद पेश करने को जोरदार तैयारियां कर चुकी हैं.

मोबाइल पर ही दिखा सकेंगे दस्तावेज
केंद्र सरकार जल्द मोटर व्हीकल नियमों में भी बदलाव करने जा रही है. मोटर व्हीकल एक्ट को भी डिजिटाइज्ड करने की योजना है. इससे अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस साथ लेकर नहीं चलना होगा. यह सब आपके मोबाइल पर होगा. दरअसल, अभी तक ट्रैफिक पुलिस गाड़ियों के ओरिजनल दस्तावेज देखते थे, लेकिन नए नियमों के बाद इसका डिजिटल वर्जन भी स्वीकार किया जाएगा.

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