आम आदमी को सरकार की तरफ से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. जीएसटी काउंसिल की 31वीं बैठक दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में शनिवार सुबह शुरू हो गई है.
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नई दिल्ली : आम आदमी को सरकार की तरफ से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. जीएसटी काउंसिल की 31वीं बैठक दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में शनिवार सुबह शुरू हो गई है. बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री अरुण जेटली कर रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई प्रोडक्ट पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत या फिर इससे भी कम किया जा सकता है. परिषद वाहनों के टायरों पर जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर सकती है.
आम आदमी के ऊपर बोझ कम करने पर जोर
जीएसटी परिषद की विज्ञान भवन में चल रही बैठक में सबसे ऊंचे 28 प्रतिशत के कर स्लैब को तर्कसंगत बनाने के लिए चर्चा चल रही है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 1,200 से अधिक वस्तुओं और सेवाओं में से 99 प्रतिशत पर 18 प्रतिशत या उससे कम जीएसटी लगेगा. एक अधिकारी ने भी कहा था कि वाहन टायरों पर 28 प्रतिशत जीएसटी से आम आदमी प्रभावित हो रहा है. ऐसे में जीएसटी परिषद की बैठक में मुख्य ध्यान आम आदमी पर जीएसटी का बोझ कम करने पर है.
28 प्रतिशत के ऊंचे कर स्लैब में 34 वस्तुएं
फिलहाल 28 प्रतिशत के ऊंचे कर स्लैब में 34 वस्तुएं हैं. इनमें वाहन टायर, डिजिटल कैमरा, एयर कंडीशनर, डिश वॉशिंग मशीन, सेट टॉपबॉक्स, मॉनिटर और प्रोजेक्टर के अलावा कुछ निर्माण उत्पाद मसलन सीमेंट शामिल हैं. सीमेंट पर कर की दर को घटाकर 18 प्रतिशत किया जाता है तो सरकार पर करीब 20,000 करोड़ रुपये का सालाना बोझ पड़ेगा. जो उत्पाद 28 प्रतिशत कर स्लैब में कायम रखे जाएंगे उनमें शीतल पेय, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू उत्पाद, पान मसाला, धूम्रपान पाइप, वाहन, विमान, याट, रिवाल्वर और पिस्तौल तथा गैंबलिंग लॉटरी शामिल हैं. जीएसटी के पांच कर स्लैब शून्य, 8, 12, 18 और 28 प्रतिशत हैं.