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नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार (19 मई) को पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन तथा अन्य से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर जवाब मांगा है. ईडी ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में उन्हें बरी किये जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.
ईडी ने एक विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ दो मई को उच्च न्यायालय में यह याचिका दायर की. एक विशेष अदालत ने गत दो फरवरी को मारन बंधुओं और अन्य को एयरसेल-मैक्सिस मनी लांड्रिंग मामले में बरी कर दिया.
विशेष अदालत ने कहा कि मामले में लगाये गये आरोप ‘आधिकारिक फाइलों में लिखी बातों का गलत मतलब समझने, अटकलों और शिकायतकर्ता के अनुमानों पर आधारित हैं.’ सीबीआई के विशेष न्यायधीश ओ पी सैनी ने मारन बंधुओं और अन्य को मामले में बरी करते हुये कहा कि उनके समक्ष जो भी सबूत और रिकॉर्ड रखे गये उनके आधार पर किसी भी अभियुक्त के खिलाफ पहली नजर में कोई भी आरोप तय नहीं किया जा सकता है.
ईडी ने मारन बंधुओं, कलानिधि की पत्नी कावेरी, साउथ एशिया एफएम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शणमुगम, साउथ एशिया एफएम लिमिटेड और सन डायरेक्ट टीवी प्रा. लि. के खिलाफ मनी लांड्रिंग कानून के प्रावधानों के तहत आरोपपत्र दायर किया था.