रिलायंस और अडानी पावर के बीच बड़ी डील, अंबानी ने क्‍यों ल‍िया अडानी की कंपनी में ह‍िस्‍सा
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रिलायंस और अडानी पावर के बीच बड़ी डील, अंबानी ने क्‍यों ल‍िया अडानी की कंपनी में ह‍िस्‍सा

मुकेश अंबानी और गौतम अडानी एक दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंदी है. दोनों की कंपनियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है. मुकेश अंबानी की रिलायंस और गौतम अडानी की अडानी ग्रुप के बीच कारोबारी प्रतिस्पर्धा है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दोनों प्रतिद्वंदी के बीच बड़ी डील हुई है.

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Reliance-Adani Deal: मुकेश अंबानी और गौतम अडानी एक दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंदी है. दोनों की कंपनियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है. मुकेश अंबानी की रिलायंस और गौतम अडानी की अडानी ग्रुप के बीच कारोबारी प्रतिस्पर्धा है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दोनों प्रतिद्वंदी के बीच बड़ी डील हुई है. पहली बार अंबानी और अडानी दोनों एक साथ आए हैं.  मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने गौतम अडानी की कंपनी अडानी पावर में 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है. रिलायंस ने मध्य प्रदेश में एक बिजली परियोजना में अडानी पावर में 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है.  पहली बार रिलायंस और अडानी के बीच ये डील हुई है, जिसमें रिलायंस ने अडानी पावर की परियोजना में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है. 

एक साथ आए अंबानी-अडानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने संयंत्र की 500 मेगावाट बिजली का खुद इस्तेमाल (कैप्टिव यूज) करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. दोनों कंपनियों ने शेयर बाजार को अलग-अलग दी सूचना और कहा कि रिलायंस, अडानी पावर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडी कंपनी महान एनर्जेन लिमिटेड में 10 रुपये अंकित मूल्य (50 करोड़ रुपये) के पांच करोड़ इक्विटी शेयर खरीदेगी और निजी उपयोग के लिए 500 मेगावाट उत्पादन क्षमता का उपयोग करेगी. 

दोनों का कौन-कौन सा कारोबार

गुजरात के इन दोनों उद्योगपतियों को अक्सर मीडिया और समालोचकों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जाता रहा है. हालांकि, दोनों उद्योगपति एशिया के सबसे अमीर लोगों की सूची के शीर्ष दो पायदानों तक पहुंचने के लिए वर्षों से एक-दूसरे के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं. अंबानी की रुचि तेल और गैस से लेकर खुदरा और दूरसंचार तक है तो अडानी का ध्यान बंदरगाहों से लेकर हवाई अड्डों, कोयला और खनन तक फैले बुनियादी ढांचे पर है. दोनों कारोबारियों ने स्वच्छ ऊर्जा खंड को छोड़कर शायद ही कभी एक-दूसरे का रास्ता काटा हो. 

इस सेक्टर में दोनों उद्योगपतियों ने कई अरब रुपये के निवेश की घोषणा की है. अडानी समूह 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक बनने की आकांक्षा रखता है, जबकि रिलायंस गुजरात के जामनगर में चार गीगाफैक्टरी का निर्माण कर रही है. इनमें प्रत्येक फैक्टरी सौर पैनल, बैटरी, हरित हाइड्रोजन और ईंधन सेल के लिए है. अडाणी समूह भी सौर मॉड्यूल, पवन टर्बाइन और हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर के निर्माण के लिए तीन गीगाफैक्टरी लगा रहा है. जब अडानी समूह ने पांचवीं पीढ़ी (5जी) डेटा और वॉयस कॉल सेवाओं को ले जाने में सक्षम स्पेक्ट्रम की नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन किया था तो तब भी टकराव की भविष्यवाणी की गई थी. हालांकि, अंबानी के विपरीत अडानी ने 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा था, जो सार्वजनिक नेटवर्क के लिए नहीं है. इसके विपरीत, दोनों विरोध से बहुत दूर रहे हैं. साल 2022 में अंबानी से पूर्व संबंधों वाली एक कंपनी ने समाचार प्रसारक एनडीटीवी में अपनी हिस्सेदारी अडाणी को बेच दी, जिससे अधिग्रहण का मार्ग साफ हो गया. 

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