'दोस्‍त' मोदी को डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा झटका, देश को होने वाला है ये नुकसान
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'दोस्‍त' मोदी को डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा झटका, देश को होने वाला है ये नुकसान

कारोबारी मामलों में अमेरिका एकदम अलग दिखाई पड़ता है. यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने 'दोस्त' मोदी को भी झटका दे दिया.

अमेरिका की इस पाबंदी से भारतीय कंपनियों को बड़ा नुकसान हो सकता है.

नई दिल्‍ली: डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत और अमेरिका के रिश्तों में सुधार की चर्चा शुरू हुई. मोदी-ट्रंप की दोस्ती की मिसाल भी दी जाने लगी. डिप्लोमेसी का मामले में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप एक सुर में नजर आए. अमेरिका ने भारत की नीतियों की जमकर तारीफ की. साथ ही आतंकवाद जैसे मुद्दे पर दोनों एकमत दिखाई दिए, लेकिन कारोबारी मामलों में अमेरिका एकदम अलग दिखाई पड़ता है. यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने 'दोस्त' मोदी को भी झटका दे दिया. दरअसल, ट्रंप सरकार ने हाल में ही कारोबार को लेकर नए फैसले लिए हैं. इस फैसले से ट्रेड के मामले में मोदी सरकार को तगड़ा झटका लगा है. 

  1. अमेरिका का घरेलू कारोबार इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है
  2. भारत से इंपोर्ट स्टेनलैस स्टील के फ्लेंज पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई
  3. अमेरिका ने भारत के अलावा यह पाबंदी चीन पर भी लगाई है

क्या है मामला?
अमेरिका का घरेलू कारोबार इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है. अमेरिका ने अपने घरेलू कारोबार और कारोबारियों को बचाने के लिए भारत से इंपोर्ट होने वाले स्टेनलैस स्टील के फ्लेंज और बारीक डेनियर पॉलिएस्टर स्टेपल फाइबर पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई है. अमेरिका ने भारत के अलावा यह पाबंदी चीन पर भी लगाई है. अमेरिका की ओर लगाई गई इस पाबंदी से भारतीय कंपनियों को बड़ा नुकसान हो सकता है. अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस रॉस ने कहा, अमेरिका अब चुपचाप बैठकर अपने घरेलू कारोबार को बरबाद होते हुए नहीं देख सकता.

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कितना बड़ा है इंपोर्ट कारोबार?

  • 2016 में चीन से फाइन डेनियर पॉलिएस्टर स्टेपल फाइबर का इंपोर्ट 7.94 करोड़ डॉलर रहा.
  • 2016 में भारत से फाइन डेनियर पॉलिएस्टर स्टेपल फाइबर का इंपोर्ट 1.48 करोड़ डॉलर रहा.
  • 2016 में चीन से स्टेनलेस स्टील के फ्लेंज का इंपोर्ट 1.63 करोड़ डॉलर का था.
  • 2016 में भारत से स्टेनलेस स्टील के फ्लेंज का इंपोर्ट 3.21 करोड़ डॉलर का था. (अमेरिका के वाणिज्य विभाग के मुताबिक)

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आखिर क्‍यों लिया फैसला?
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस के मुताबिक, इन प्रोडक्‍ट्स के एक्‍सपोर्ट को प्रोत्साहित करने के लिए चीन 41.73 से 47.55 फीसदी और भारत 9.50 से 25.28 फीसदी तक सब्सिडी देता है. विदेशों में दी जाने वाली अनुचित सब्सिडी से घरेलू उद्योगों को नुकसान नहीं होने दिया जा सकता. इसे देखते हुए उन्होंने अमेरिका के सीमा शुल्क और सीमा संरक्षा विभाग को चीन और भारत से आयातित फाइन डेनियर पॉलिएस्‍टर स्टेपल फाइबर पर अंतिम दरों के आधार पर नकद वसूली करने को कहा है.

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तबाह होते नहीं देख सकते घरेलू कारोबार
विल्‍बर रॉस ने कहा कि अमेरिका अब चुपचाप बैठकर अपने घरेलू कारोबार को तबाह होते हुए नहीं देख सकता है. विदेशों में दी जाने वाली अनुचित सब्सिडी से घरेलू इंडस्‍ट्री को नुकसान नहीं होने दिया जा सकता. हम अमेरिकी इंडस्‍ट्री, इम्‍प्‍लॉइज और कम्‍युनिटी को ऐसे अनुचित इंपोर्ट से बचाने के लिए लगातार कदम उठाते रहेंगे.

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