अमेरिकी सैन्य ठिकानों में हमले के बाद कच्चे तेल में लगी 'आग'
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अमेरिकी सैन्य ठिकानों में हमले के बाद कच्चे तेल में लगी 'आग'

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 3.5 प्रतिशत का इजाफा हो गया है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: Petrol - Diesel (पेट्रोल - डीजल) के दामों को बढ़ने से अब कोई नहीं रोक सकता. बुधवार तड़के सुबह ईरान द्वारा अमेरिकी अड्डों पर हमले के बाद कच्चे तेल के दामों में तेजी से उछाल आ गया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 3.5 प्रतिशत का इजाफा हो गया है. इसका सीधा मतलब ये है कि अगले कुछ दिनों में पेट्रोल - डीजल के दामों में और बढ़ोतरी होगी. 

पिछले हफ्ते भर से रोजाना कीमतें बढ़ी हैं
1 जनवरी से ही देश के सभी पेट्रोल पंपों में पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. तेल विपणन कंपनियां रोज दामों में बढ़ोतरी कर रही हैं. तेल विपणन कंपनियों ने मंगलवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में पांच पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की. वहीं, डीजल के दाम में दिल्ली, कोलकता और चेन्नई में 11 पैसे जबकि मुंबई में 12 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. 

इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार दिल्ली में प्रति लीटर पेट्रोल के दाम 75.74 हो गए जबकी डीजल अब 68.79 रुपए में एक लीटर मिलेगा. इसी तरह मुंबई में पेट्रोल 81.33 रुपए और डीजल 72.14 प्रति लीटर हो गया. कोलकाला में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 78.33 रुपए चुकानी होगी. यहां डीजल के दाम 71.15 हो चुका है. चेन्नई में अब आपको 78.69 रुपए में एक लीटर पेट्रोल खरीदना पड़ेगा. यहां 72.69 रुपए में एक लीटर डीजल मिलेगा.

ईरान-अमेरिका तनाव से तेल आयात खर्च बढ़ेगा
दरअसल ईरान-अमेरिका तनाव के कारण कच्चे तेल के आयात में खर्च बढ़ने का अंदेशा है. मामले से जुड़े जानकार बता रहा हैं कि भारत को कच्चे तेल के लिए लगभग 51,000 करोड़ रुपए से अधिक बढ़ सकता. बताते चलें कि कच्चे तेल की कीमत स्थायी तौर पर एक डॉलर प्रति बैरल बढ़ने से भारत का तेल आयात खर्च सालाना आधार पर 1.6 अरब डॉलर (11,531 करोड़ रुपए) बढ़ जाता है.

भारत 80 फीसदी से अधिक तेल जरूरत की पूर्ति आयात से करता है
एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के हवाले से कहा गया है कि भारत पेट्रोलियम ऑयल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा खरीदार है। भारत अपनी जरूरत के 80 फीसदी से अधिक कच्चे तेल और करीब 40 फीसदी प्राकृतिक गैस की पूर्ति आयात से करता है। 

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