Free Loan: मोची, दर्जी, नाई, सब्जी विक्रेताओं जैसे छोटे कारोबारियों के लिए सरकार की नई योजना, मिलेंगे पैसे
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Free Loan: मोची, दर्जी, नाई, सब्जी विक्रेताओं जैसे छोटे कारोबारियों के लिए सरकार की नई योजना, मिलेंगे पैसे

Loan: हिमाचल प्रदेश सरकार ने छोटे कारोबारियों को ध्यान में रखते हुए अहम ऐलान किया है. इस ऐलान के जरिए हजारों लोगों को फायदा मिलने की उम्मीद है. दरअसल, अब हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से गारंटी-मुक्त कर्ज देने की योजना की शुरुआत की गई है.

Free Loan: मोची, दर्जी, नाई, सब्जी विक्रेताओं जैसे छोटे कारोबारियों के लिए सरकार की नई योजना, मिलेंगे पैसे

Himachal Pradesh News: सरकार की ओर से देश में अलग-अलग वर्ग के लोगों के लिए कई स्कीम चलाई जाती है. राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से लोगों को कल्याण के लिए कदम उठाए जाते हैं. इस बीच हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से नया ऐलान किया गया है और नई योजना शुरू की गई है. इस योजना का लाभ छोटे कारोबारियों को मिलने वाला है. ऐसे में आइए जानते हैं इसके बारे में...

मुख्यमंत्री लघु दुकान कल्याण योजना

हिमाचल प्रदेश सरकार ने छोटे उद्यमों और मोची, दर्जी, नाई एवं सब्जी विक्रेताओं जैसे कौशल-आधारित श्रमिकों को गारंटी-मुक्त कर्ज देने की योजना शुरू करने का ऐलान किया है. राज्य सरकार के आधिकारिक बयान के मुताबिक, 'मुख्यमंत्री लघु दुकान कल्याण योजना' (एमएमएलडीकेवाई) के लिए 40 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. इसके शुरुआती चरण में 18-55 आयु वर्ग में आने वाले 75,000 लोगों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है.

गारंटी-मुक्त कर्ज

बयान के मुताबिक, राज्य सरकार ने छोटे पैमाने के उद्यमों को वित्तीय रूप से मजबूत करने के लिए गारंटी-मुक्त कर्ज की पेशकश करने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है. उन्हें 50 प्रतिशत की पर्याप्त ब्याज सब्सिडी के साथ 50,000 रुपये तक का आसान कर्ज मुहैया कराया जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "इस योजना का लक्ष्य छोटे उद्यमियों को सशक्त बनाना और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है."

अर्थव्यवस्था भी होगी मजबूत

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वित्तीय संसाधनों तक पहुंच बनाने में अक्सर बाधाओं का सामना करने वाले लोगों को महत्वपूर्ण समर्थन देने की सोच रखती है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएमएलडीकेवाई योजना के दायरे में छोटे उद्यमों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले मोची, दर्जी, नाई, मोबाइल रिपेयरिंग विक्रेता जैसे कौशल-आधारित श्रमिक, सब्जी और फल विक्रेता और खुद का व्यवसाय करने वाले अन्य लोगों को शामिल किया जाएगा. (इनपुट: भाषा)

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