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नई दिल्ली : अमीरों और संपन्न लोगों से ज्यादा कर चुकाने का आग्रह करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को संपत्ति कर खत्म कर दिया लेकिन सालाना एक करोड़ और इससे अधिक आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों और 10 करोड़ रपए या अधिक की सालाना आय दर्ज करने वाली कंपनियों पर अधिभार दो प्रतिशत बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया है।
इसके अलावा मंत्री ने एक करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये के बीच आय अर्जित करने वाली कंपनियों पर सात प्रतिशत का अधिभार भी लगाया है। उन्होंने कहा कि नई पहलों से 9,000 करोड़ रुपये का कर संग्रह होगा जबकि संपत्ति कर से सिर्फ 1,008 करोड़ का संग्रह होता। जेटली ने 2015-16 का बजट पेश करते हुए कहा कि दो प्रतिशत के अतिरिक्त अधिभार के साथ 9,000 करोड़ रपए के संग्रह के लिए 1,008 करोड़ रुपये (संपत्ति कर खत्म कर) की कुर्बानी दी जाएगी है। एक करोड़ और इससे अधिक आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों और 10 करोड़ रपए या इससे अधिक आय अर्जित करने वाली कंपनियों पर अब अधिभार 12 प्रतिशत होगा।
जेटली ने कहा कि अमीर और संपन्नों को ज्यादा कर का भुगतान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संपत्ति कर जारी रखने का कोई मतलब नहीं था क्योंकि इसमें कर संग्रह की लागत अधिक थी। इससे कर प्रक्रिया आसान होगी और कर के दायरे में आने वालों की तादाद बढ़ेगी। यह अधिभार एक करोड़ रुपये से अधिक आय दर्ज करने वाले व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवार, कंपनियों, सहकारी संस्थाओं और स्थानीय प्राधिकारों पर लागू होगा। एक करोड़ रुपये से अधिक की व्यक्तिगत आय पर सरचार्ज 2013-14 के बजट में लगाया गया था।