आम बजट में होगी दूसरी पीढ़ी के सुधारों की घोषणा: अरुण जेटली
Advertisement

आम बजट में होगी दूसरी पीढ़ी के सुधारों की घोषणा: अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आने वाले समय में और रोमांचक अवसरों का वादा करते हुए आज कहा कि अगामी आम बजट में दूसरी पीढ़ी के तमाम आर्थिक सुधारों की घोषणा की जाएगी।

आम बजट में होगी दूसरी पीढ़ी के सुधारों की घोषणा: अरुण जेटली

नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आने वाले समय में और रोमांचक अवसरों का वादा करते हुए आज कहा कि अगामी आम बजट में दूसरी पीढ़ी के तमाम आर्थिक सुधारों की घोषणा की जाएगी।

जेटली ने कहा, देश में अभी ज्यादातर क्षेत्रों को और अधिक खुला बनाने की जरूरत है। इसके लिए पूंजी की वाजिब लागत के साथ-साथ नीतियों व कर व्यवस्था में स्थिरता की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सरकार द्वारा किए गए उपायों के प्रभावी होने के बाद 2015-16 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर छह प्रतिशत से उपर पहुंच जाएगी और इसके बाद हम उच्च आर्थिक वृद्धि दर की राह पर चल पड़ेंगे।

बजट 2015-16 की वृहद दिशाओं के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री जेटली ने कहा, दूसरी पीढ़ी के सुधारों की पूरी सूची पड़ी है।’ इसके अलावा ‘‘ऐसे सुधारों की भी पूरी सूची है जो इस लिए तैयार खड़ी है क्यों कि पीछे हुई कुछ चीजों को खत्म किया गया है। उसमें से एक कोयला अध्यादेश है जो एक चीज को खत्म करने की बात है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘पिछले छह महीनों के दौरान कई कदम उठाए गए हैं जिससे उत्साह (जो ठंडा पड़ गया था) सुधरा है। अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था काफी नीचे चली गयी थी और निराशा का भाव फैल गयास था। लेकिन बीते छह महीनों के दौरान घरेलू निवेशकों के साथ-साथ विदेशी निवेशकों ने भी काफी रचि दिखानी शुरू की है हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था में उनका भरोसा बुरी तरह टूट चुका था।

वित्त मंत्री ने कहा, परिणाम दिखने में अभी भी कुछ समय लगेगा हालांकि जमीनी स्तर पर कुछ शुरआती सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। मेरा मानना है कि आने वाला समय हमारे लिए काफी रोमांचक होगा और मुझे लगता है कि भारत में निवेश बढ़ेगा। मैं देख रहा हूं कि घरेलू निवेशक भी काफी रचि ले रहे हैं। जेटली ने हालांकि इस बात को माना कि माहौल को और ठीक करने के लिए और अधिक उपाय करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसमें न केवल केंद्र के स्तर पर बल्कि राज्य सरकारों तथा अन्य संस्थाओं की भी भूमिका है जिसमें संसद में बैठे विपक्षी दल भी शामिल हैं।

वित्त मंत्री से जब यह पूछा गया कि वह कौन से कदम उठाना चाह रहे हैं तो उनका जवाब था, हमें कई क्षेत्रों को खोलने की जरूरत है जो कि हम कर रहे हैं। इस मामले में हम सही राह पर आगे बढ़ रहे हैं। एक एक कर और अधिक क्षेत्रों को खोला जाएगा, उनमें संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, आपको निवेशकों को और बेहतर माहौल देना होगा। आपने उन्हें राजनीतिक स्थिरता दी है लेकिन उन्हें नीतियों व कर प्रशासन में स्थिरता चाहिए और जो बड़ी गड़बड़ियां हुई हैं उन्हें ठीक करना होगा।

जेटली ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों को धन देना जरूरी है, साथ ही पूंजी की लागत भी वाजिब होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ढांचागत क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने की बात करना एक बात है लेकिन जो कंपनियां राष्ट्रीय राजमार्ग बना रही है..बिजली संयंत्र लगा रही हैं, जिन्हें यदि कोयला उपलब्ध करा भी दिया जाए तो भी, पूंजी उपलब्ध कराने के साथ साथ विवादों में फंसे पैसे के मुद्दे को भी सुलझाना होगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार नकदी उपलब्ध कराने और सस्ती पूंजी देने में नाकाम रहती है तो सिर्फ उदारीकरण से ही काम नहीं चेलगा। इसलिए एक साथ कई चीजें करने की जरूरत है। जेटली ने भारतीय रिजर्व बैंक की अगले सप्ताह आने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

अपने अगले बजट के महत्व के विषय में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि बजट वास्तव में लेखा-जोखा होता है। उन्होंने कहा, सुधारों की प्रक्रिया तो साल के सभी 365 दिन चलनी चाहिए। पर हॉं, आम बजट उसे रेखांकित करने का एक बड़ा अवसर होता है। इस संदर्भ में बजट की महत्ता जरूर होती है। बजट दिशाओं का संकेत देने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। जेटली ने कहा, चूंकी हमारी सरकार ने एक स्पष्ट दिशा पकड़ रखी है और मुझे उम्मीद है कि सरकारों को कभी कोई ऐसा कदम उठाने के लिए विवश नहीं होती जो विपरीत दिशा में हो। क्योंकि उससे अर्थव्यवस्था के लिए परेशानी खड़ी हो जाती है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सुधारों की प्रक्रिया एक सतत चलते रहने वाला काम है। उन्होंने कहा कि दूसरी पीढी के सुधरों का काम जारी रहेगा और यह आम बजट की प्रक्रिया से पहले, उस प्रक्रिया के दौरान और उसके बाद भी जारी है और जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए, बजट केवल एकलौता अवसर नहीं है,पर एक महत्वपूर्ण अवसर जरूर है। सरकार किन किन क्षेत्रों को लक्ष्य ले कर चल रही, इस सवाल पर जेटली ने कहा- तात्कालिक लक्ष्य बीमा संशोधन विधेयक, कोयला अध्यादेश व जीएसटी विधेयक है।

उन्होंने कहा, इसके साथ ही मैं अन्य बड़े खनिजों के आवंटन.इसके लिए पक्षपात मुक्त व्यवस्था करने..और जैसा कि मैंने आपको संकेत दिया कि भूमि अधिग्रहण कानून. इसमें कुछ बदलाव किया जाना है क्योंकि इस कानून की वजह से वास्तव में विकास कार्य रक जाएंगे। भूमि के लिए उंचा मुआवजा दिए जाने में मुझे कोई परेशानी नहीं है। मैं इसका स्वागत करता हूं। पर अगर जमीन नहीं मिलती है तो ढांचागत परियोजनाओं, शहरी परियोजनाओं, आवास, उद्योग व रोजगार का क्या होगा। बैंकिंग क्षेत्र के सुधारों पर उन्होंने कहा कि बेसल तीन नियमों के तहत सभी सार्वजनिक बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी घटाकर 52 प्रतिशत पर लायी जानी है और.. इक्विटी से प्राप्त शेष राशि का इस्तेमाल वित्तीय समावेशन के काम में किया जाएगा।

वर्ष 2015-16 के लिए आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि सबसे पहले अर्थव्यवस्था को नरमी से उबारना है जो वाषिर्क पांच प्रतिशत की वृद्धि दर से भी नीचे 4.5 प्रतिशत और 4.7 प्रतिशत तक चली गयी थी। इस साल हमें उपर उठना है। विनिर्माण क्षेत्र हमारे लिए अब भी चुनौती बना हुआ है। ढांचागत क्षेत्र और विनिर्माण ये दो प्रमुख क्षेत्र हैं जिनमें हमें घुसना है ताकि आगे बढने का अभियान शुरू हो। जब एक बार जब इन कदमों के असर आने लगेगा तो छह प्रतिशत से उपर आर्थिक वृद्धि हासिल करने की हमारी क्षमता बढ जाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या वह इसे अगले वित्त वर्ष में यह लक्ष्य हासिल कर सकते हैं तो वित्त मंत्री ने कहा, ‘उम्मीद है कि हम इस आंकड़े को पार कर लेंगे और फिर हम उड़ान पर होंगे।

 

Trending news