Covid Impact: जून में 34% ऑटो डेबिट पेमेंट हुए फेल! हर तीसरा ट्रांजैक्शन हुआ बाउंस, जानिए क्यों?
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Covid Impact: जून में 34% ऑटो डेबिट पेमेंट हुए फेल! हर तीसरा ट्रांजैक्शन हुआ बाउंस, जानिए क्यों?

Auto Debit Payments Failed: आपने भी अगर ध्यान दिया होगा कि बीते कुछ 2-3 महीनों से काफी ट्रांजैक्शन फेल हो रहे हैं. इसमें आपकी कोई गलती नहीं है, दरअसल, हर तीसरा ऑटो डेबिट ट्रांजैक्शन फेल हुआ है. हालांकि कई मामले ऐसे भी हैं जिसमें खातों में बैलेंस की कमी थी

लगातार तीसरे महीने ऑटो डेबिट पेमेंट बाउंस बढ़े

नई दिल्ली: Auto Debit Payments Failed: Covid-19 की दूसरी लहर का इकोनॉमी पर कितना असर पड़ा है, इसका अंदाजा ऑटो डेबिट पेमेंट बाउंस (Auto-debit payment bounces) या ऑटो डेबिट फेल ट्रांजैक्शन के आंकड़ों से लगाया जा सकता है.

  1. Covid Impact: जून में 37% ऑटो डेबिट पेमेंट हुए फेल
  2. हर तीसरा ऑटो डेबिटे पेमेंट हुआ बाउंस
  3. मई में ये आंकड़ा 36 परसेंट था और अप्रैल में 34 परसेंट 

लगातार तीसरे महीने ऑटो डेबिट पेमेंट बाउंस

ऑटो डेबिट पेमेंट बाउंस होने का सिलसिला लगातार तीसरे महीने जून में भी जारी रहा है. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से जारी सभी बैंकों के आंकड़ों के मुताबिक जून के महीने में भी कुल ऑटो डेबिट के ट्रांजैक्शन में करीब 37 परसेंट ट्रांजैक्शन बाउंस हुए हैं. मई में ये आंकड़ा 36 परसेंट था और अप्रैल में 34 परसेंट ऑटो डेबिट ट्रांजैक्शन फेल हुए थे. कुल ट्रांजैक्शन अमाउंट के हिसाब से पिछले दो महीनों से कुल ऑटो डेबिट राशि के 30 परसेंट ट्राजैक्शन वैल्यू के हिसाब से बाउंस हो रहे है.

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जून में भी बढ़े ऑटो डेबिट बाउंस रेट

महीना                        बाउंस रेट

अप्रैल                           34%

मई                              36%

जून                              37%

कुल ट्रांजैक्शन वैल्यू के आधार पर

महीना                        कुल ट्रांजैक्शन बाउंस

अप्रैल                             27.99%

मई                                30.74 %

जून                               30.27 %

37 परसेंट पेमेंट बाउंस

NPCI के आंकड़ों के मुताबिक National Automated Clearing House (NACH) के जरिए 8 करोड़ 70 लाख ऑटो डेबिट की रिक्वेस्ट प्रोसेस हुई लेकिन 37 परसेंट यानी 3 करोड़ 20 लाख ट्रांजैक्शन में पर्याप्त बैलेंस नहीं होने की वजह से फेल हो गए. मई में कुल 8.57 करोड़ ऑटो डेबिट ट्रांजैक्शन हुए थे. जिसमें 5.49 करोड़ ट्रांजैक्शन सफल रहे, जबकि 3.08 करोड़ ट्रांजैक्शन बाउंस हो गए.  इन ट्रांजैक्शन के बढ़ने की सबसे बड़ी वजह रही राज्यों में लगाए गए लॉकडाउन जिससे आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा.

अनलॉक के बावजूद ट्रांजैक्शन बाउंस

देखने वाली बात ये है कि ज्यादातर राज्यों में लॉकडाउन के प्रतिबंध हटा लिए गए हैं, फिर भी अनलॉक होने के बावजूद डेबिट ट्रांजैक्शन बाउंस की दरों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जिसमें बड़ी संख्या में वो ट्रांजैक्शन फेल हुए जिनमें पर्याप्त बैलेंस नहीं था. इन ट्रांजैक्शंस में EMI के लिए डेबिट रिक्वेस्ट भी शामिल है.

CIBIL पर असर

लगातार ऑटो डेबिट ट्रांजैक्शन के फेल होने पर ग्राहकों के CIBIL स्कोर पर भी असर होता है. अगर किसी का ECS बाउंस हुआ, लेकिन तुरंत पेमेंट करने पर CIBIL खराब नहीं होगा. लेकिन जानकारों के मुताबिक ऑटो डेबिट ट्रांजैक्शन का फेल होना इकोनामी में स्ट्रेस का कड़ा संकेत दे रहा है.

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