साल 2015 में शेयर बाजार का रहा सबसे बुरा दौर, FPI ने बिगाड़ा खेल
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साल 2015 में शेयर बाजार का रहा सबसे बुरा दौर, FPI ने बिगाड़ा खेल

भारी उतार-चढ़ाव के बीच 2015 दलाल पथ (स्थानीय शेयर बाजार) के लिए चार साल का सबसे बुरा दौर रहा। इस दौरान विदेशी निवेशकों ने जहां शुरू में बंबई शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों को अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा ला दिया पर बाद में स्थानीय बाजार से अरबों डॉलर की पूंजी की निकासी कर इसकी हवा निकाल दी।

साल 2015 में शेयर बाजार का रहा सबसे बुरा दौर, FPI ने बिगाड़ा खेल

मुंबई : भारी उतार-चढ़ाव के बीच 2015 दलाल पथ (स्थानीय शेयर बाजार) के लिए चार साल का सबसे बुरा दौर रहा। इस दौरान विदेशी निवेशकों ने जहां शुरू में बंबई शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों को अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा ला दिया पर बाद में स्थानीय बाजार से अरबों डॉलर की पूंजी की निकासी कर इसकी हवा निकाल दी।

इस साल अब बाजार में कारोबार के चार दिन बचे है। मुंबई बाजार का सेंसेक्स इस साल 1660 अंक या छह प्रतिशत से अधिक के नुकसान में है। पिछले साल इसमें करीब 30 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गयी थी। इससे पहले सेंसेक्स 2011 में 24 प्रतिशत गिरा था।

इस समय सेंसेक्स 25,838.71 पर है। साल के शुरू में रिजर्व बैंक की नीतिगत ब्याज दर में कटौती से उत्साहित होकर 30,024 पर पहुंच गया था।

इस साल 24 अक्तूबर को संसेक्स को एक दिन का सबसे बड़ा झटका लगा था। उस दिन चीन के युआन के भारी अवमूल्यन के बाद वैश्विक स्तर पर मची खलबली में सेंसेक्स 1,624.51 अंक टूट गया था।

वर्ष के दौरान नयी कंपनियों के शेयर बाजार में आने से सूचीबद्ध कुल निवेश संपत्ति बढ़ाने में मदद मिली । बाजार का पूंजीकरण यानी बाजार कीमत के हिसाब से सूचीबद्ध शेयरों का मूल्य फिर से 100 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया। निवेशकों की संपत्ति की बाजार हैसियत 2014 के अंत 98.4 लाख करोड़ रुपए थी और उसके बाद जुलाई 2015 तक यह 100 लाख करोड़ रुपए से उपर चल रही थी।

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