भारत-चीन को सब्सिडी न देने के लिए ट्रंप का अजीब तर्क, कहा- हम भी विकासशील देश हैं?
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भारत-चीन को सब्सिडी न देने के लिए ट्रंप का अजीब तर्क, कहा- हम भी विकासशील देश हैं?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो भारत और चीन जैसी तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं की सब्सिडी रोकना चाहते हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो भारत और चीन जैसी तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं की सब्सिडी रोकना चाहते हैं. उन्होंने अमेरिका को 'विकासशील देश' बताते हुए कहा कि वो चाहते हैं कि अमेरिका किसी भी दूसरे देश के मुकाबले तेजी से विकास करे. इसके लिए उन्होंने तेजी से बढ़ रहे देशों को अमेरिका से दी जाने वाली सब्सिडी रोकने की वकालत की. इतना ही नहीं, भारत जैसे तेजी से उभरते देशों को सब्सिडी न देनी पड़े, इसके लिए ट्रंप ने अमेरिका को विकासशील देश बता दिया.

उन्होंने नार्थ डकोटा में एक फंड रेजिंग मीटिंग में चीन को 'महान आर्थिक शक्ति' बनाने के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को दोषी ठहराया. ट्रंप ने कहा, 'कुछ ऐसे देश में जिन्हें ग्रोविंग इकनॉमिक्स माना जाता है. कुछ ऐसे देश हैं जो अभी पूरी तरह बढ़ नहीं पाए हैं, इसलिए हम उन्हें सब्सिडी देते हैं. ये पागलपन है. जैसे भारत, जैसे चीन, वो वास्तव में बढ़ रहे हैं.'

ट्रंप का लॉजिक 
ट्रंप ने कहा कि वो खुद को विकाशसील देश कहते हैं और इस श्रेणी के तहत उन्हें सब्सिडी मिलती है. उन्होंने कहा, 'हमें उन्हें पैसे देने पड़ते हैं. ये एकदम पागलपन है, लेकिन अब हम इसे रोकने जा रहे हैं. हमने इसे रोक दिया है.' उन्होंने कहा, 'हम भी विकासशील देश हैं. ठीक है? हम हैं. जहां तक मेरी बात है, हम विकासशील देश हैं. मैं इस श्रेणी में आना चाहता हूं क्योंकि हम भी विकास कर रहे हैं. हम किसी भी दूसरे देश के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से विकास करने जा रहे हैं.' ट्रंप ने जब ये बात कही, तो लोगों ने जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया. 

डब्ल्यूटीओ पर हमला करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनका मानना है कि विश्व व्यापार संगठन का काम सबसे बुरा रहा है. उन्होंने कहा, 'लेकिन कई लोग इस बारे में नहीं जानते हैं कि डब्ल्यूटीओ ने ही चीन को महान आर्थिक ताकत बनने दिया.' उन्होंने ट्रेड वार का जिक्र करते हुए कहा 'हम यह नहीं होने देंगे कि चीन हर साल हमसे 500 अरब डॉलर ले और खुद को मजबूत बनाए.' 

सैन्य खर्च पर सवाल 
अमेरिका के सैन्य खर्च का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'वर्षों से हम इन देशों की रक्षा कर रहे हैं. वो अपनी किस्मत चमका रहे हैं. उनकी सैन्य लागत बहुत कम है. हमारा सैन्य खर्च दुनिया में सबसे अधिक है. इसका ज्यादातर हिस्सा बाहरी देशों की रक्षा में खर्च होता है. इनमें से कई ऐसे हैं जो हमें पसंद नहीं करते.' उन्होंने कहा कि अब ये स्थिति जारी नहीं रहेगी.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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