देश में सोने की मांग जुलाई-सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 183.2 टन हो गई. विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) ने गुरुवार को रिपोर्ट में यह जानकारी दी.
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मुंबई : देश में सोने की मांग जुलाई-सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 183.2 टन हो गई. विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) ने गुरुवार को रिपोर्ट में यह जानकारी दी. सोने की बढ़ती कीमतों और बाजार में नकदी की कमी से इस बार धनतेरस और दिवाली पर सोने की मांग सामान्य रहने की उम्मीद है. डब्ल्यूजीसी की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की 'स्वर्ण मांग रुख' रिपोर्ट के अनुसार मूल्य के आधार पर देश में इस दौरान सोने की मांग 14 प्रतिशत बढ़ी. यह 50,090 करोड़ रुपये रही जबकि 2017 की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 43,800 करोड़ रुपये था.
जनवरी 2018 के बाद भाव का न्यूनतम स्तर
डब्ल्यूजीसी के भारत के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर ने कहा, 'तिमाही की शुरुआत में सोने के दाम में कमी देखी गई. यह कर सहित 29 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गए, जो जनवरी 2018 के बाद सोना भाव का सबसे निचला स्तर था. इससे सोने की मांग में तेजी आई.' हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से सोने के स्थानीय भाव प्रभावित हुए और इनमें तेजी देखी गई. जल्द ही इसका भाव बिना किसी कर के 32 हजार से 33 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, इसलिए तिमाही में बाद के दौरान इसकी मांग घट गई.
आमतौर पर आखिरी तिमाही में बढ़ती है मांग
उन्होंने कहा, 'सोना खरीद के अवसर कम होने और केरल जैसे प्रमुख बाजार के बाढ़ से प्रभावित होने जैसे कई कारणों के चलते इस तिमाही में सोने की मांग पर असर पड़ा.' साल की आखिरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) आमतौर पर सोने की मांग के लिए अच्छी रहती है. त्योहारों और शादियों के चलते इस दौरान सोने की मांग और खरीद बढ़ती है. सोमसुंदरम ने कहा कि इसके बावजूद हालांकि इस साल सोने की मांग इस दौरान सामान्य ही रह सकती है, क्योंकि बाजार तरलता की कमी है, वहीं भारत में इसकी कीमतें भी बढ़ रही हैं. इसके अलावा कुछ राज्यों में चुनाव के चलते इसकी आवाजाही भी प्रभावित होगी.
700 से 800 टन रह सकती है मांग
उन्होंने कहा सालभर में सोने की मांग कम रहने का अनुमान है. यह 700 से 800 टन के दायरे में रह सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में इस साल आभूषणों की कुल मांग 10 प्रतिशत बढ़कर 148.8 टन है जो पिछले साल समान अवधि में 134.8 टन थी. मूल्य के आधार पर आभूषण की मांग में वृद्धि 14 प्रतिशत रही है. यह 40,690 करोड़ रुपये रही जो पिछले साल की इसी अवधि में 35,610 करोड़ रुपये थी. इसी दौरान भारतीय रिजर्व बैंक ने अपना स्वर्ण भंडार 13.7 टन बढ़ाया है. इससे उसका कुल स्वर्ण भंडार 21.8 टन हो गया.
सोने के क्षेत्र में निवेश मांग भी इस अवधि में 11 प्रतिशत बढ़ी और यह 34.4 टन रही. जबकि 2017 की तीसरी तिमाही में यह 31 टन थी. मूल्य के आधार पर यह 15 प्रतिशत बढ़कर 9,400 करोड़ रुपये रही जो 2017 की इसी अवधि में 8,200 करोड़ रुपये थी. रिपोर्ट के अनुसार देश में पुन: प्रसंस्करण किए जाने वाले सोने की कुल मात्रा 13.85 प्रतिशत घटकर 23 टन रही जो 2017 की इसी अवधि में 26.7 टन थी. देश में सोने के आयात पर सोमसुंदरम ने कहा कि तिमाही के शुरुआती समय में इसके भाव कम रहने से इसमें 55 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई.