16 रक्षा उत्पादन लाइसेंस प्रस्तावों को सरकार ने दी मंजूरी
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16 रक्षा उत्पादन लाइसेंस प्रस्तावों को सरकार ने दी मंजूरी

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने 613 करोड़ रूपये निवेश के 16 रक्षा उत्पादन लाइसेंस प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। इस कदम से देश में रक्षा विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा।

नई दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने 613 करोड़ रूपये निवेश के 16 रक्षा उत्पादन लाइसेंस प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। इस कदम से देश में रक्षा विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने जून 2014 से अभी तक रक्षा क्षेत्र में 73 औद्योगिक लाइसेंस जारी किए हैं। 2011 से मई, 2014 के दौरान ऐसे 50 लाइसेंस जारी किए गए थे।

गत 10 जून को हुई पिछली बैठक में जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई उनमें पीपावाव, टाटा, सैमटेल थेल्स, सोलर इंडस्ट्रीज, टीटागढ़ वैगंस तथा प्रीमियर एक्सप्लोसिव्ज के प्रस्ताव शामिल हैं। बयान में कहा गया है कि इनमें से कई प्रस्ताव वर्षों से लंबित थे। 

इसमें कहा गया है कि मंजूर किए गए लाइसेंस विभिन्न प्रकार के हथियार और गोला बारूद के विनिर्माण से संबंधित हैं। इनमें हेलिकॉप्टर, विमान, रडार, बुलेट प्रूफ जैकेट्स, बुलेट प्रूफ हेलमेट, तोप से छोड़े जाने वाला गोला, टैंक, रॉकेट, मिसाइल, मोर्टार बम, ग्रेनेड्स, युद्ध के जहाज, रात में देखने में मदद करने वाले उपकरण आदि के विनिर्माण के हैं।

इसमें कहा गया है कि सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए औद्योगिक लाइसेंस की शुरूआती वैधता अवधि को तीन से बढ़ाकर सात साल कर दिया है। इसे आगे भी तीन साल बढ़ाया जा सकता है। सरकार को उम्मीद है कि इन उपायों से रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा।

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