प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की पहली बैठक में रोजगार बढ़ाने की चर्चा
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प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की पहली बैठक में रोजगार बढ़ाने की चर्चा

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की पहली बैठक में रोजगार बढ़ाने की चर्चा

फाइल फोटो

नयी दिल्ली: देश की आर्थिक वृद्धि दर में नरमी आने के बीच प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) की आज यहां पहली बैठक हुई.  बैठक में आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को गति देने के उपायों समेत विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया. उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर कम होकर तीन साल के न्यूनतम स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई.  इसके साथ ही पर्याप्त संख्या में रोजगार सृजित नहीं होने से विपक्ष लगातार सरकार पर हमले कर रहा है.  नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबराय की अध्यक्षता में पीएमईएसी की बैठक में मौजूदा आर्थिक, राजकोषीय और मौद्रिक नीति की स्थिति का जायजा लिया गया और उन प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई जिस पर परिषद का विशेष जोर होगा.

  1. परिषद का गठन इस साल 26 सितंबर को किया गया
  2.  इस बैठक से पहले भी परिषद ने विभिन्न पक्षों के साथ अनौपचारिक रूप से विचार-विमर्श किया
  3. परिषद का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और वित्तीय समावेश के साथ अगले कुछ महीनों में आर्थिक एवं रोजगार सृजन को गति देने के बारे में उपाय सुझाना है.

बैठक के बाद देबराय ने संवाददाताओं से कहा,‘‘परिषद ने 10 मुद्दों पर चर्चा की और आने वाले महीनों में परिषद के सदस्य संबंधित मंत्रालयों, राज्यों, विशेषज्ञों, संस्थानों, निजी क्षेत्र और अन्य संबंधित पक्षों के साथ विचार विमर्श कर रिपोर्ट तैयार करेंगे. ’’परिषद ने जिन 10 क्षेत्रों की पहचान की है उनमें आर्थिक वृद्धि, रोजगार और रोजगार सृजन, असंगठित क्षेत्र तथा उसका समन्वय, राजकोषीय स्थिति, मौद्रिक नीति, सार्वजनिक व्यय, आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाले संस्थान, कृषि एवं पशुपालन, उपभोग की प्रवृत्ति और उत्पादन तथा सामाजिक क्षेत्र हैं. हालांकि, उन्होंने उस बारे में कुछ भी बताने से मना कर दिया कि परिषद प्रधानमंत्री को आर्थिक वृद्धि को गति देने और रोजगार सृजन समेत विभन्न मुद्दों पर क्या सिफारिशें करने जा रही है.  बैठक में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम भी शामिल हुए. उन्होंने निवेश और निर्यात समेत आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये किये जा रहे नीतिगत उपायों के बारे में अपनी बातें रखी.

परिषद का गठन इस साल 26 सितंबर को किया गया. इसमें सदस्य सचिव के रूप में नीति आयोग के प्रधान सलाहकार रतन पी वाटल के अलावा अर्थशास्त्री डा. सुरजीत भल्ला, डा. रथिन राय और डा. आशिमा गोयल बतौर अंशकालिक सदस्य शामिल हैं. इस बैठक से पहले भी परिषद ने विभिन्न पक्षों के साथ अनौपचारिक रूप से विचार-विमर्श किया. देबरॉय के अनुसार बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि प्रमुख मसलों के समाधान और प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों के साथ तालमेल को लेकर परिषद के सदस्य विशिष्ट मुद्दों पर दस्तावेज तैयार करेंगे.

पीएमईएसी एक स्वतंत्र निकाय के रूप में वृहत आर्थिक महत्व के मुद्दों और संबंधित पहलुओं पर प्रधानमंत्री को सलाह देगी. परिषद का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और वित्तीय समावेश के साथ अगले कुछ महीनों में आर्थिक एवं रोजगार सृजन को गति देने के बारे में उपाय सुझाना है.  परिषद की अगली बैठक अगले महीने नवंबर में होगी. 

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