भारतीय रेलवे को जनरल इलेक्ट्रिक से मिला पहला डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन
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भारतीय रेलवे को जनरल इलेक्ट्रिक से मिला पहला डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन

यह परियोजना भारतीय रेलवे और जनरल इलेक्ट्रिक के बीच संयुक्त उपक्रम है जिसका उद्देश्य 4500 हॉर्सपावर (एचपी) और 6000 एचपी के आधुनिक डीजल-इलेक्ट्रिक इंजनों की आपूर्ति एवं रख-रखाव करना है.

जनरल इलेक्ट्रिक ने कहा कि बिहार के मरोवराह में डीजल रेल इंजन कारखाने का काम सही गति से चल रहा है. (file-प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे को अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक से पहला डीजल-इलेक्ट्रिक रेल इंजन प्राप्त हो गया है. यह इस तरह के एक हजार इंजनों की 2.5 अरब डॉलर में आपूर्ति करने के सौदे के तहत प्राप्त हुआ है.

  1. अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक से मिला पहला डीजल-इलेक्ट्रिक रेल इंजन.
  2. यह परियोजना भारतीय रेलवे और जनरल इलेक्ट्रिक के बीच संयुक्त उपक्रम है. 
  3. इस संयुक्त उपक्रम की घोषणा नवंबर 2015 में की गई थी.

यह परियोजना भारतीय रेलवे और जनरल इलेक्ट्रिक के बीच संयुक्त उपक्रम है जिसका उद्देश्य 4500 हॉर्सपावर (एचपी) और 6000 एचपी के आधुनिक डीजल-इलेक्ट्रिक इंजनों की आपूर्ति एवं रख-रखाव करना है. इस संयुक्त उपक्रम की घोषणा नवंबर 2015 में की गयी थी.

जनरल इलेक्ट्रिक ने कहा कि बिहार के मरोवराह में डीजल रेल इंजन कारखाने का काम सही गति से चल रहा है. यह बयान तब आया है जब कुछ दिन पहले ही रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा कि समझौते में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

जनरल इलेक्ट्रिक ने कारखाने का काम समय के अनुरूप आगे बढ़ने का हवाला देते हुए कहा, ‘‘बिहार स्थित हमारे डीजल कारखाने पर काम जारी है. जैसा मंत्री ने कहा कि अनुबंध में कोई बदलाव नहीं किया गया है.’’

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