अर्थव्यवस्था को तेजी से औपचारिक रूप देने के दौर से गुजर रहा भारत: जेटली
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अर्थव्यवस्था को तेजी से औपचारिक रूप देने के दौर से गुजर रहा भारत: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय तेजी से आपैचारिक रूप दिए जाने के दौर से गुजर रही है. उन्होंने कहा कि भविष्य में इस बात को समझा और माना जाएगा. जेटली भारतीय स्टेट बैंक के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘इस समय भारत यह देख रहा है कि नकदी आधारित अर्थव्यवस्था किस तेजी के साथ अब औपचारिक तंत्र के दायरे में और डिजिटल आधारित अर्थव्यवस्था बन रही है. भारत किस तरह से खर्च करता है उसमें यह एक बड़ा बदलाव आ रहा है.’’ 

अरुण जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में डिजिटलीकरण का यह दौर उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को चलन से हटाने यानी नोटबंदी के बाद शुरू हुआ है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय तेजी से आपैचारिक रूप दिए जाने के दौर से गुजर रही है. उन्होंने कहा कि भविष्य में इस बात को समझा और माना जाएगा. जेटली भारतीय स्टेट बैंक के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘इस समय भारत यह देख रहा है कि नकदी आधारित अर्थव्यवस्था किस तेजी के साथ अब औपचारिक तंत्र के दायरे में और डिजिटल आधारित अर्थव्यवस्था बन रही है. भारत किस तरह से खर्च करता है उसमें यह एक बड़ा बदलाव आ रहा है.’’ 

उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में डिजिटलीकरण का यह दौर उच्च मूल्य वर्ग के नोटों को चलन से हटाने यानी नोटबंदी के बाद शुरू हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘आज हम भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलाव की प्रक्रिया के दौर से गुजर रहे हैं. आज से दस से बीस साल बाद जब इस समय के बारे में लिखा जायेगा तो इसे अर्थव्यवस्था को तेजी से औपचारिक रूप देने के तौर पर बताया जायेगा.’’ 

वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान बीमा, म्यूचुअल फंड और प्रारम्भिक शेयर निर्गम (आईपीओ) में धन का प्रवाह तेजी से बढ़ा है. उन्होंने कहा कि अब तक जो धन अज्ञात था वह अब औपचारिक अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा बन रहा है. यह महत्वपूर्ण है कि इस दौरान लोगों को धन खर्च करने के तौर तरीकों में बदलाव की तरफ बढ़ाया गया.’’ 

स्टेट बैंक के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि सहयोगी बैंकों के विलय के बाद देश की सभी बैंकिंग गतिविधियों में स्टेट बैंक का 20 से 25 प्रतिशत हिस्सा है और यह दुनिया के बड़े बैंकों में से एक बैंक बन गया है. ‘‘बैंक ने अपने कामकाज को उच्च पेशेवराना अंदाज में चलने वाले संस्थान के रूप में बरकरार रखा है.’’

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