नई दिल्ली : ट्रेन में यात्रा करने के दौरान आपकी सुविधा के लिए रेलवे की तरफ से दिए जाने वाले सामान को ही यात्री चुराकर ले जाते हैं. ट्रेन में बढ़ते इस तरह के चोरी के मामलों में रेलवे की तरफ से चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए गए हैं. भारतीय रेलवे की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार चोरी के इस तरह के मामलों में 11 लाख लोगों की धरपकड़ की गई है. ये आंकड़े 2016 के हैं. चोरी गए सामान में रेलवे ट्रैक, तांबे के तार, लोहे के बोल्ट, तौलियां, वाश बेसिन, कंबल और टंकी चुराने के मामले शामिल हैं.


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इस मामले में राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के लोगों को पकड़ा गया है. रेलवे की संपत्ति से जुड़े चोरी के मामलों में महराष्ट्र के 2.23 लाख लोगों को पकड़ा गया है. वहीं यूपी के 1.22 लाख लोगों को पकड़ा गया है. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के अनुसार बोतल, ओवरहेड वायर, पंखे, फिशप्लेट्स (रेल की पटरियों को जोड़ने की पट्टी), बाथरूम फीटिंग्स, पेंडरोल क्लिप (पटरियों को रोकने वाली क्लिप), ट्यूबलाइट की चोरी होने की घटनाएं भी सामने आईं.



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चोरी के इन मामलों में तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश से सबसे अधिक 98,594 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस सूची में तमिलनाडु का चौथा नंबर है, यहां से 81,408 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं इस मामले में गुजरात का नंबर पांचवां है. गुजरात से तौलिया और कंबल आदि चुराने के मामले में 77,047 लोग पकड़े गए हैं.


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भारतीय रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार रेलवे में उच्च गुणवत्ता के लोहे, रेलवे ट्रैक में इस्तेमाल होने वाला तांबे का तार, पेंडरोल क्लिप, हाईटेंशन ओवरहेड तारों की चोरी सबसे अधिक हुई. मामले में नॉर्थ सेंट्रल रेलवे जोन के पीआर अधिकारी गौरव बंसल के अनुसार ओवर हेड में तारों में 25 हजार वोल्टेज होने के बाद भी 99.9 फीसदी तारों की सप्लाई बाधित होती या फिर इन तारों को चुरा लिया जाता है. चोरी के इन मामले में नशे के आदी लोग ज्यादा पाए गए, जो चोरी किए गए तारों को बेचकर नशे की लत में लुप्त हैं.


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