पश्चिम रेलवे की ओर Roll on – Roll off (RORO) की व्यवसायिक सेवाएँ गुजरात के वापी (करमबेली) से कर्नाटक के सूरतकल के बीच शुरू की गई है.
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नई दिल्ली : पश्चिम रेलवे की ओर Roll on – Roll off (RORO) की व्यवसायिक सेवाएँ गुजरात के वापी (करमबेली) से कर्नाटक के सूरतकल के बीच शुरू की गई है. रेलवे की इस नई सेवा से जहां ट्रांसपोर्टरों को फायदा होगा, डीजल की बचत होगी वहीं प्रदूषण और सड़क पर जाम से राहत मिलेगी.
क्या है RORO सेवा
RORO सेवा के तहत बड़ी संख्या में कॉमर्शियल गाड़ियों विशेष तौर पर ट्रकों को शहर के बाहर ही रेलवे की माल गाड़ियों पर लाद कर एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचाया जाता है. इस जहां डीजल की बचत होती है वहीं ट्रांस्पोटर्स का खर्च काफी कम हो जाता है. इस सेवा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस सेवा के चलते ट्रकों को शहरों में दाखिल नहीं होना होता जिससे सड़क पर जाम की समस्या से मुक्ति मिलती है. वहीं डीजल की बचत के चलते प्रदूषण के स्तर में भी कमी आती है.
पश्चिम रेलवे ने शुरू की RORO सेवा
पश्चिम रेलवे की ओर से शुरू की गई इस RORO सेवा के तहत पहले रेक में 25 ट्रकों को रेलगाड़ी पर लाद कर कोंकण रेलवे के सरथकल गुड्स शेड से पश्चिम रेलवे के गुजरात स्थित करांब्ली गुड्स शेड तक ले जाया गया. इन दोनों शेड्श की दूरी लगभग 290 किलोमीटर है. इस सेवा के लिए रेलवे को 1.81 लाख रुपये का हॉलेज चार्ज भी मिला.
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मुम्बई को ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत
रेलवे की इस नई सेवा से ठाणे से भिवंडी के बीच ट्रैफिक जाम की समस्या में काफी कमी आने की संभावना है. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पश्चिम रेलवे व मध्य रेलवे RoRo सेवा को जवाहर लाल नेहरू पोर्ट तक चलाने की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं. इस रूट पर रोज लगभग 5000 ट्रक चलते हैं.