'एनपीटी में परमाणु देश के रूप में भारत को मिले स्थान, हमारे और पाक के रास्ते अलग-अलग'
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'एनपीटी में परमाणु देश के रूप में भारत को मिले स्थान, हमारे और पाक के रास्ते अलग-अलग'

मनीष तिवारी ने कहा कि जब एनपीटी पर हस्ताक्षर किए थे तो सिर्फ पांच परमाणु संपन्न देश थे, लेकिन समय के साथ इनमें बढ़ोत्तरी हुई है.

गणतंत्र दिवस में परेड के दौरान राजपथ पर प्रदर्शित परमाणु हथियार. (फाइल फोटो)

वॉशिंगटन: अप्रसार के मामले में भारत की निष्कलंक छवि का हवाला देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री मनीष तिवारी ने अंतरराष्ट्रीय सुमदाय से भारत को परमाणु संपन्न देश के रूप में एनटीपी (परमाणु अप्रसार संधि) में स्थान देने की बात कही है. कांग्रेस के प्रवक्ता और यूपीए सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे मनीष तिवारी ने यहां कहा, "अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय एनपीटी में भारत को परमाणु संपन्न देश के रूप में शामिल करने पर गंभीरता से विचार करे."

  1. एक जुलाई 1968 को हस्ताक्षर की गई परमाणु अप्रसार संधि 5 मार्च 1970 में लागू हुई थी. 
  2. संधि के तहत अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन परमाणु संपन्न देश है.
  3. मनीष तिवारी ने कहा कि सुरक्षा परिषद आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करता है.

तिवारी अमेरिकी शोध संस्था अटलांटिक कौंसिल में इस समय एक वरिष्ठ फेलो. इसी संस्था के दक्षिण अफ्रीका केंद्र द्वारा आयोजित में दो दिवसीय सम्मेलन "दूसरे परमाणु युग में परमाणु रणनीति और सुरक्षा"में तिवारी ने इस संबंध में एक प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि अगले साल अपना 50वां साल मनाने वाला एनपीटी 2017 की परमाणु वास्तविकताओं को प्रतिबिबिंत नहीं करता है, जैसे कि सुरक्षा परिषद आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करता है.

तिवारी ने कहा कि तथ्य यह है कि 1998 से 2017 तक भारत और पाकिस्तान के रास्ते अलग-अलग रहे. जहां तक अप्रसार का संबंध है, भारत का "ट्रैक रिकॉर्ड बहुत मजबूत" रहा है. उन्होंने कहा कि जब एनपीटी पर हस्ताक्षर किए थे तो सिर्फ पांच परमाणु संपन्न देश थे, लेकिन समय के साथ इनमें बढ़ोत्तरी हुई है.

एक जुलाई 1968 को हस्ताक्षर की गई परमाणु अप्रसार संधि 5 मार्च 1970 में लागू हुई थी. यह संधि उन परमाणु संपन्न देशों को परिभाषित करती है, जिन्होंने 1 जनवरी 1967 से पहले परमाणु हथियार का निर्माण और परीक्षण किया. संधि के तहत अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन परमाणु संपन्न देश है. उल्लेखनीय है कि भारत ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए एनपीटी पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था. भारत के अलावा पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल ने भी एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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