भारतीय शेयर बाजार 19 महीने के न्यूनतम स्तर पर, सेंसेक्स 555 अंक लुढ़का
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भारतीय शेयर बाजार 19 महीने के न्यूनतम स्तर पर, सेंसेक्स 555 अंक लुढ़का

शेयर बाजार में इस साल की अबतक की सबसे बड़ी गिरावट आई और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स करीब 555 अंक का गोता लगाकर 19 महीने के न्यूनतम स्तर 24,851.83 पर बंद हुआ। चीन की धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को थामने के लिये युआन का तीव्र अवमूल्य किए जाने के बाद वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों और मुद्रा बाजारों में गिरावट दर्ज की गई जिसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा।

भारतीय शेयर बाजार 19 महीने के न्यूनतम स्तर पर, सेंसेक्स 555 अंक लुढ़का

मुंबई : शेयर बाजार में इस साल की अबतक की सबसे बड़ी गिरावट आई और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स करीब 555 अंक का गोता लगाकर 19 महीने के न्यूनतम स्तर 24,851.83 पर बंद हुआ। चीन की धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को थामने के लिये युआन का तीव्र अवमूल्य किए जाने के बाद वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों और मुद्रा बाजारों में गिरावट दर्ज की गई जिसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा।

चौतरफा बिकवाली से नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 172.70 अंक या 2.23% की गिरावट के साथ 7,600 अंक के नीचे आ गया। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन वृद्धि दर में गिरावट से विश्वस्तर पर निवेशकों के मनोबल पर असर पड़ा है और पूंजी निकासी से कई देशों की मुद्राओं की विनिमय दर भी प्रभावित हुई है।

चीन के केंद्रीय बैंक ने अमेरिकी डालर के मुकाबले युआन की विनिमय दर 0.51% घटा कर 6.5646 युआन प्रति डॉलर दी है। यह मार्च, 2011 के बाद युआन का यह न्यूनतम स्तर है। वैश्विक बाजारों के अनुरूप तीस शेयरों वाला सेंसेक्स गिरावट के साथ खुला और पूरे दिन बिकवाली में रहा। अंत में यह 554.50 अंक या 2.18% की गिरावट के साथ 24,851.83 अंक पर बंद हुआ। चार जून, 2014 के बाद यह सेंसेक्स का सबसे निचला आंकड़ा है। उस दिन यह 24,805.83 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 24,825.70 तक चला गया था।

पिछले चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 1,309.07 अंक नीचे आ चुका है। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी एक समय 7,556.60 के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। अंत में यह 172.70 अंक या 2.23% की तीव्र गिरावट के साथ 7,568.30 अंक पर बंद हुआ। जमीन-जायदाद, बुनियादी ढांचा, वाहन, धातु तथा पूंजीगत वस्तु बनाने वाली कंपनियों के शेयर सर्वाधिक प्रभावित हुए। वैश्विक स्तर पर बिकवाली के बीच निवेशक चिंतित दिखे। बिजली, सार्वजनिक उपक्रम, तेल एवं गैस तथा बैंक शेयरों पर दबाव रहा। सेंसेक्स में शामिल सभी 30 शेयरों में गिरावट देखी गयी। सर्वाधिक गिरावट वाले शेयर भेल (6.98%), टाटा स्टील (6.85%) तथा टाटा मोटर्स (6.15%) रहें।

इसके अलावा एक्सिस बैंक, मारति सुजुकी, ओएनजीसी, एसबीआई, अदाणी पोर्ट्स, एल एंड टी, बजाज आटो, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एनटीपीसी, हीरो मोटो कार्प, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी लि. ल्यूपिन, सिप्ला, आरआईएल, डा. रेड्डीज तथा आईटीसी में बिकवाली रही।

वैश्विक स्तर पर एशिया के अन्य बाजारों में भी जोरदार गिरावट दर्ज की गयी। शंघाई शेयर बाजार में 7.32 प्रतिशत की गिरावट आयी। सर्किट ब्रेकर के कारण कारोबार को करीब आधे घंटे तक रोकना पड़ा। एक सप्ताह में यह दूसरा मौका है जब यह स्थिति हुई है। अमेरिकी बाजार में कल की गिरावट के बाद एशिया के अन्य बाजार प्रभावित हुए। जापान का निक्की 2.33 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 3.09 प्रतिशत नीचे आये। शुरूआती कारोबार में यूरोपीय बाजारों में गिरावट का रूख रहा। वैश्विक भंडार बढ़ने के साथ चीन की मुद्रा में गिरावट के बाद वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम कई साल के न्यूनतम स्तर पर जाने से भी धारणा प्रभावित हुई। अमेरिकी मानक कच्चे तेल का भाव 33.61 डालर प्रति बैरल पर आ गया।

 

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