EXCLUSIVE: पंजाब नेशनल बैंक में 3 बैंकों का हो सकता है मर्जर, यह है सरकार का अगला प्लान
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EXCLUSIVE: पंजाब नेशनल बैंक में 3 बैंकों का हो सकता है मर्जर, यह है सरकार का अगला प्लान

बैंकों को एनपीए से निपटने और मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए सरकारी बैंकों का मर्जर जरूरी है. 

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या कम रखकर उन्हें मजबूत बनाना सरकार का लक्ष्य है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: तीन बड़े बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के मर्जर के बाद अब दूसरे सरकारी बैंकों की विलय प्रक्रिया शुरू होने की संभावनाएं तेज हो गई हैं. अगला नंबर किसका होगा इसका नाम सामने आने में समय लग सकता है. लेकिन, मार्केट्स एक्सपर्ट्स की मानें तो अगला मर्जर पंजाब नेशनल बैंक के साथ हो सकता है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अगली कड़ी में पीएनबी में ओबीसी, इलाहाबाद बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, इंडियन बैंक का मर्जर हो सकता है. हालांकि, इसमें भी तीन बैंकों के मर्जर की ही संभावना है. सरकार तीन-तीन के ग्रुप में मर्जर प्रक्रिया को चलाना चाहती है.

बैंकों को मजबूत बनाने की कोशिश
बैंकों को एनपीए से निपटने और मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए सरकारी बैंकों का मर्जर जरूरी है. सरकार के अलावा कई ब्रोकरेज फर्म भी बैंकों के कंसॉलिडेशन पर जोर दे चुकी हैं. पहले एसबीआई के साथ छह बैंकों का विलय हुआ और अब बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय को मंजूरी दी गई. इससे साफ है कि सरकार निजी बैंकों के बढ़ते कारोबार के साथ सार्वजनिक बैंकों को  मजबूती देना चाहती है.

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दो चरण में होना है बैंकों का मर्जर
सरकार ने देश में बड़े आकार के मजबूत बैंक बनाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण में तेजी लाने का फैसला किया है. इस काम के लिए सरकार एक वैकल्पिक व्यवस्था तैयार की है. इस व्यवस्था के तहत सरकारी बैंकों के एकीकरण प्रस्ताव की समीक्षा की जाएगी. इसका मकसद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या कम रखकर उन्हें मजबूत बनाना है. माना जा रहा है कि बैंकों का मर्जर दो चरणों में किया जाएगा. पहले चरण में इनकी संख्या 21 से घटाकर 12 हो सकती है. वहीं, दूसरे चरण में सरकार बैंकों की संख्या घटाकर 6 पर ला सकती है. आपको बता दें कि सरकार का लक्ष्‍य सरकारी बैंकों का आपस में मर्जर कर देश में 5-6 बैंक बनाने का है.

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पहले चरण में बंद हो सकते है 9 बैंक
माना जा रहा है कि पहले चरण में मौजूदा 21 सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 की जा सकती है है. साथ ही, पहले चरण में यह भी देखा जाएगा कि एक ही तरह की तकनीकी (आइटी इंफ्रास्ट्रक्चर) इस्तेमाल करने वाले बैंकों के मर्जर की राह खोली जाए. इससे तकनीकी तालमेल बिठाने में बैंकों को ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. इससे मर्जर प्रक्रिया जल्दी पूरी होगी. दूसरे चरण में इन बैंकों की संख्या और घटाई जा सकती है.

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कौन से बैंक हो जाएंगे खत्म!
पंजाब नेशनल बैंक में ओबीसी, इलाहाबाद बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, इंडियन बैंक का मर्जर हो सकता है. केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक का मर्जर होने की खबरें है. वहीं, यूनियन बैंक में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का मर्जर किया जा सकता है. इसके अलावा बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र का मर्जर हो सकता है.

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छह बैंकों का हो चुका है मर्जर
पांच सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक का मर्जर भारतीय स्‍टेट बैंक में 1 अप्रैल 2017 को हो चुका है. इस मर्जर के बाद एसबीआई दुनिया के 50 बड़े बैंकों की सूची में शामिल हो गया है. वित्‍त मंत्रालय अब इस मर्जर के मॉडल को अन्‍य सार्वजनिक बैंकों पर भी दोहराना चाहता है.

तेजी से हो रहा है काम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंकिंग विभाग में कुछ बैंकों के मर्जर को लेकर बेहद तेजी से फाइलें आगे बढ़ रही हैं. इसके तहत देश के तीन बड़े बैंकों पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), केनरा बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में मर्जर की गाड़ी आगे बढ़ेगी. आपको बता दें कि बैंक मर्जर को लेकर जो भी भ्रांतियां थीं, वे एसबीआई में सहयोगियों के मिलने के साथ खत्म हो गई हैं.

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