सभी मंत्रालयों से बजट प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया : कृषि मंत्री
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सभी मंत्रालयों से बजट प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा गया : कृषि मंत्री

महत्वपूर्ण परियोजनाओं को लागू करने में हो रही देरी से निपटने के लिए सभी मंत्रालयों से कहा गया है कि वे पहले से ही बजट प्रक्रिया शुरू करें दें ताकि बजट पारित होने के तुरंत बाद धन जारी किया जा सके।

नई दिल्ली : महत्वपूर्ण परियोजनाओं को लागू करने में हो रही देरी से निपटने के लिए सभी मंत्रालयों से कहा गया है कि वे पहले से ही बजट प्रक्रिया शुरू करें दें ताकि बजट पारित होने के तुरंत बाद धन जारी किया जा सके।

कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कृषि वैज्ञानिक नियुक्ति बोर्ड (एएसआरबी) के 41वें स्थापना दिवस के मौके पर कहा, ‘बजट पारित होने के बाद सामान्य तौर पर आवंटित धन जारी होने में 5-6 महीने का समय लगता है। हाल में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सभी मंत्रालयों से कहा गया है कि वे अगले बजट के लिए पहले से आवश्यक तैयारी शुरू करें।’ उन्होंने कहा कि हाल में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद अनौपचारिक तौर पर सभी मंत्रियों को इस संबंध में सूचित कर दिया गया है।

इस बारे में और ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा, ‘हमसे अपने मंत्रालय में प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया ताकि फरवरी में बजट पेश होने के बाद जल्द से जल्द महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए धन जारी किया जा सके।’ उन्होंने कहा कि विभिन्न परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए आवंटित धन का समय पर जारी होना महत्वपूर्ण है।

वित्त मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को सुझाव देने का निर्देश जारी करते हुए वित्त वर्ष 2015-16 के लिए बजटीय प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंत्रालयों से कहा गया कि वे 2014-15 के लिए व्यय का संशोधित आकलन पेश करें और एक अप्रैल 2015 से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए अनुदान मांग का खाका भी पेश करें।

बजट में चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान और अगले वित्त वर्ष का बजट अनुमान शामिल होता है। बजट वित्त मंत्री लोक सभा में फरवरी के आखिरी कार्यदिवस को पेश करते हैं। मोदी सरकार अगले साल फरवरी में अपना दूसरा बजट पेश करेगी।

देश में कृषि-प्रतिभा के संबंध में सिंह ने कहा कि देश में कभी भी प्रतिभा की कमी नहीं रही लेकिन समस्या सिर्फ सही प्रतिभा की पहचान की रही है। प्रतिभा-पूल की पहचान के मामले में कृषि वैज्ञानिक नियुक्ति बोर्ड (एएसआरबी) अच्छा प्रयास कर रहा है। मंत्री ने कहा कि जरूरत है कि वैज्ञानिकों का अनुसंधान कार्य कृषि क्षेत्र को हस्तांतरित किया जाए ताकि इस क्षेत्र की वृद्धि को अगले स्तर पर ले जाया जा सके।

उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि वे कम से कम एक गांव को गोद लें और इस क्षेत्र में काम करें। सरकारी संस्थान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद :आईसीएआर: में रिक्तियां पूरी न होने के संबंध में मंत्री ने कहा कि अगले साल ज्यादा प्रतिभाओं को नियुक्त करने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘अगले साल करीब 600-1000 खाली पदों पर नियुक्ति की जाएगी।’ फिलहाल, आईसीएआर संस्थानों के कुल 6,600 पदों में से 20 प्रतिशत खाली हैं। एएसआरबी के चेयरमैन गुरबचन सिंह ने कहा कि फरवरी तक एएसआरबी ने 300 रिक्त पदों पर नियुक्ति का लक्ष्य रखा है। प्रवेश स्तर पर भी नियुक्ति की कोशिश की जा रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि विदेशों से भी प्रतिभाओं को आकषिर्त किया जाना चाहिए।

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