NCLT से भी मिली Vodafone-IDEA मर्जर को मंजूरी, अब बनेगी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी
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NCLT से भी मिली Vodafone-IDEA मर्जर को मंजूरी, अब बनेगी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी

पिछले महीने टेलीकॉम डिपार्टमेंट से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद वोडाफोन-आइडिया के मर्जर को NCLT की मंजूरी का इंतजार था.

NCLT से भी मिली Vodafone-IDEA मर्जर को मंजूरी, अब बनेगी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी

नई दिल्ली: पिछले महीने टेलीकॉम डिपार्टमेंट से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद वोडाफोन-आइडिया के मर्जर को NCLT की मंजूरी का इंतजार था. अब NCLT ने भी इसे अंतिम मंजूरी दे दी है. अब देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी के बनने में कोई रुकावट नहीं है. देश के टेलीकॉम सेक्टर में इस मर्जर के बाद तीन बड़ी कंपनियां- भारती एयरटेल, रिलायंस जियो इन्फोकॉम और वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड होंगी. टेलीकॉम मार्केट में रिलायंस जियो के आने से ही टैरिफ वॉर चल रहा है. अब इस मर्जर के बाद इसके दोबारा बढ़ने के आसार हैं.

44 करोड़ सब्सक्राइबर होंगे
अभी तक देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल है. लेकिन, इनके मर्जर के बाद देश की सबसे बड़ी कंपनी वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड होगी. नई कंपनी के पास लगभग 44 करोड़ सब्सक्राइबर्स होंगे. इसका रेवेन्यू मार्केट शेयर 34.7% होगा. कंपनी का रेवेन्यू 60,000 करोड़ रुपए से अधिक का होगा, लेकिन इस पर 1.15 लाख करोड़ रुपए से अधिक का संयुक्त कर्ज भी रहेगा.

अगले साल से मिलेगा फायदा
उम्मीद की जा रही है कि इस साल दिसंबर तक मर्जर की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. ऐसी संभावना है कि नए साल पर नई कंपनी का आगाज हो. इसके अलावा, यूजर्स को नए ऑफर्स का फायदा मिलेगा. यही वजह है कि टेलीकॉम सेक्टर में एक बार फिर प्राइसिंग पावर लौट आएगी. इससे पिछले कुछ वर्षों से रेवेन्यू और प्रॉफिट पर दबाव का सामना कर रही इस इंडस्ट्री को रिकवरी करने में मदद मिलेगी.

अब कंपनी का नया बोर्ड बनेगा
आइडिया और वोडाफोन को मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी को रजिस्टर कराने के लिए NCLT से अंतिम मंजूरी की जरूरत थी. नई कंपनी का नाम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड होगा और यह लिस्टेड बनी रहेगी. इस कंपनी को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा करना होगा. इसके बाद कंपनी का नया बोर्ड बनेगा.

रेवेन्यू मार्केट शेयर में पिछड़ा वोडाफोन
दोनों कंपनियों का मर्जर जल्द पूरा होना महत्वपूर्ण है. क्योंकि वोडाफोन और आइडिया को प्राइस वॉर के कारण रिलायंस जियो का अकेले मुकाबला करने में मुश्किल हो रही है. जियो ने रेवेन्यू मार्केट शेयर के लिहाज से वोडाफोन और आइडिया दोनों को पीछे छोड़ दिया है. जानकारों का मानना है कि मर्जर के बाद नई कंपनी 10 अरब डॉलर तक की बचत कर सकती है और यह भारती एयरटेल और रिलायंस जियो इन्फोकॉम को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होगी.

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