क्‍या है फ्रैक्शनल इन्वेस्‍टमेंट? न‍िवेश को लेकर बढ़ा क्रेज, म‍िल रहा अच्‍छा र‍िटर्न
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क्‍या है फ्रैक्शनल इन्वेस्‍टमेंट? न‍िवेश को लेकर बढ़ा क्रेज, म‍िल रहा अच्‍छा र‍िटर्न

Fractional Investment: एक रिपोर्ट से सामने आया क‍ि क‍िस तरह लोग निवेश के तरीकों में बदलाव कर रहे हैं. यह सब फ्रैक्शनल इनवेस्‍टमेंट के कारण हो रहा है. पहले ज‍िन चीजों में लोग सीधे न‍िवेश नहीं कर पाते थे, अब आप उनमें भी पैसा लगा सकते हैं.

क्‍या है फ्रैक्शनल इन्वेस्‍टमेंट? न‍िवेश को लेकर बढ़ा क्रेज, म‍िल रहा अच्‍छा र‍िटर्न

What is Fractional Investment: युवाओं के बीच न‍िवेश के तरीके में लगातार बदलाव हो रहा है. प‍िछले कुछ सालों में म्‍यूचुअल फंड में न‍िवेश करने वालों की संख्‍या भी तेजी से बढ़ी है. एक र‍िपोर्ट से सामने आया है क‍ि यूथ इनवेस्‍टमेंट के तरीकों में लगातार बदलाव कर रहा है. मिलेनियल्स (1981 से 1996 के बीच पैदा हुए युवा) निवेश के तरीकों में बड़ा बदलाव ला रहे हैं. 'फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग' नाम से नए निवेश के तरीके को अपनाकर यूथ अपने कमाए गए पैसे को अलग-अलग चीजों में न‍िवेश कर रहा है. ग्र‍िप इनवेस्‍ट की रिपोर्ट के अनुसार फ्रैक्शनल इनवेस्‍ट करने वालों में करीब 60% यूथ हैं.

क्‍या है फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग

'फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग' ऐसे लोगों के अच्छा ऑप्‍शन है जो शेयर बाजार से बाहर की चीजों में न‍िवेश करना चाहते हैं. इसमें आपको किसी भी चीज को पूरा खरीदने की जरूरत नहीं होती, बल्कि आप उसका एक छोटा हिस्सा खरीद सकते हैं. यह हिस्सा किसी एक्‍सपेंस‍िव आर्ट का, पुरानी कार का, किसी बड़ी कमर्श‍ियल प्रॉपर्टी का या बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी के शेयर का भी हो सकता है. इसे आप आसान भाषा में समझें तो आप कम पैसे में बड़ी चीजों में आसानी से इनवेस्‍ट कर सकते हैं.

21 साल के यूथ का भी फोकस बढ़ा
हाल ही में प्रकाश‍ित रिपोर्ट 'ग्रिपिंग द बूम: मिलेनियल्स इन फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग' से सामने आया है क‍ि क‍िस तरह लोग निवेश के तरीकों में बदलाव कर रहे हैं. यह फ्रैक्शनल इनवेस्‍टमेंट के कारण हो रहा है. पहले ज‍िन चीजों में लोग सीधे तौर पर न‍िवेश नहीं कर पाते थे, अब उनमें में थोड़ा पैसा लगा सकते हैं. अब प्राइवेट इक्‍व‍िटी (private equity), आर्ट (art) और कलेक्टेबल्स (collectibles) चीजों में न‍िवेश क‍िया जा सकता है. Grip Invest के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर 60% लेनदेन 40 साल से कम उम्र के लोगों की तरफ से क‍िया जाता है. इतना ही नहीं 21 साल की उम्र का यूथ भी ज्‍यादा प्रॉफ‍िट देने वाली चीजों में न‍िवेश कर रहा है.

निवेशकों को खुद रिसर्च करके इनवेस्‍ट करना पसंद
इस रिपोर्ट से सामने आया क‍ि युवा निवेशक अपने निवेश को खुद हैंडल करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. 77% निवेशकों ने खुद रिसर्च करके न‍िवेश का फैसला लेना पसंद किया. इस तरह के निवेशक संभलकर चलने में व‍िश्‍वास रखते हैं. फ्रैक्शनल इनवेस्‍टमेंट को आजमाने में वे काफी रुच‍ि ले रहे हैं. इस तरह के न‍िवेश में स‍िर्फ मिलेनियल्स ही नहीं जेनरेशन X के लोग भी दिलचस्पी ले रहे हैं. इस प्लेटफॉर्म पर होने वाले कुल निवेश का 20% हिस्सा जेनरेशन X के लोगों की तरफ से क‍िया जाता है.

एक लाख से घटाकर 10 हजार की ल‍िमिट
ग्रिप इन्वेस्ट के फाउंडर और सीईओ निखिल अग्रवाल का कहना है क‍ि इस रिपोर्ट से यह साफ हुआ है क‍ि कम न‍िवेश के साथ लोग दूसरे व‍िकल्‍प पर फोकस कर रहे हैं. बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव के कारण मिलेनियल्स न‍िवेश के दूसरे ऑप्‍शन पर फोकस कर रहे हैं. सेबी की तरफ से निवेश की न्यूनतम राशि को 90% कम करने और ऑनलाइन सुविधाओं के बेहतर होने से अब काफी संख्या में आम निवेशक फ्रैक्शनल इनवेस्‍टमेंट का रुख कर रहे हैं. आपको बता दें पहले न‍िवेश की यह ल‍िम‍िट एक लाख रुपये थी. ज‍िसे सेबी ने कम करके अब 10 हजार रुपये कर द‍िया है.

थोड़े र‍िस्‍क से अच्‍छी कमाई की संभावना
पिछले दो साल में 30 से 45 साथ की उम्र के बीच के लोगों की द‍िलचस्‍पी निवेश में बढ़ी है. पहले लोग कम जोखिम वाले ट्रेड‍िशनल इनवेस्‍टमेंट को पसंद करते थे. लेकिन अब वे ऐसे निवेश की तरफ रुख कर रहे हैं जिनमें थोड़े र‍िस्‍क के साथ अच्‍छी कमाई हो सकती है. यही कारण है क‍ि अल्‍टरनेट‍िव इनवेस्‍टमेंट पर सबकी नजर है. उन्‍होंने बताया न‍िवेश के तरीकों में बदलाव का पहला कारण बाजार में आने वाला उतार-चढ़ाव और दूसरा कारण निवेश के तरीकों का आसान होना है. पहले कुछ ही लोग अल्‍टरनेट‍िव इनवेस्‍टमेंट कर पाते थे. लेकिन सेबी (SEBI) ने न‍ियमों में बदलाव क‍िया है.

(ड‍िस्‍क्‍लेमर: जी न्‍यूज क‍िसी भी प्रकार के न‍िवेश की सलाह नहीं देता. क‍िसी भी तरह का इनवेस्‍टमेंट से पहले एक्‍सपर्ट की सलाह अवश्‍य लें.)

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