म्युचुअल फंडों की इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ELSS आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स सेविंग का बेहतरीन विकल्प है.
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नई दिल्ली (मनीश कुमार मिश्र) : नौकरीपेशा लोगों के लिए किसी भी साल के शुरुआती तीन महीने खास तौर से फरवरी और मार्च काफी महत्वपूर्ण होते हैं. यही वह वक्त होता है जब आम तौर पर उनकी आंखें टैक्स सेविंग को लेकर खुलती है. हालांकि, इस आदत की वजह से जल्दबाजी में गलत निर्णय भी टैक्स प्लानिंग करने के दौरान ले लिया जाता है. इसलिए अगर आप समय रहते ही टैक्स प्लानिंग करते हैं तो न ही आप पर अचानक आर्थिक बोझ पड़ेगा और न ही आप जल्दबाजी में गलत जगह अपने पैसे लगाएंगे. आपको बता दें कि म्युचुअल फंडों की इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ELSS आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स सेविंग का बेहतरीन विकल्प है.
टैक्स सेविंग के अन्य विकल्पों की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं ELSS
रिटर्न के मामले में भी अगर आप टैक्स सेविंग के किसी और विकल्प जैसे बैंक एफडी, एनएससी, यूलिप, एंडोमेंट प्लान आदि से इसकी तुलना करेंगे तो आप पाएंगे कि ELSS के आगे ये कहीं नहीं ठहरते हैं. दूसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ELSS की तुलना में सारे विकल्पों की लॉक-इन अवधि प्राय: पांच साल है. आपको बता दें कि आप 3 साल बाद ELSS से अपने पैसे निकाल सकते हैं.
ऐसे करें बेहतरीन ELSS का चयन
आज हम आपको बताएंगे कि ELSS की श्रेणी में ऐसे कौन-कौन से टैक्स सेविंग फंड हैं जिन्होंने तीन और पांच साल की अवधि में अपनी ही श्रेणी के अन्य फंडों के तुलना में सबसे अधिक रिटर्न दिया है. सही म्चुचुअल फंड चुनने की यह भी एक कसौटी है कि किस फंड ने विभिन्न बाजार परिस्थितियों में बेहतर रिटर्न दिया है।
ये हैं कुछ बेहतरीन टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड