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नई दिल्ली : रिजर्व बैंक की दो दिसंबर को मौद्रिक नीति की द्वमासिक समीक्षा से पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय बैंक अगली मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों को अपरिवर्तित रख सकता है पर वह चालू वित्त वर्ष के अंत तक वह मौद्रिक नीति में नरमी ला सकता है।
भट्टाचार्य ने कहा कि तथ्य यह है कि सभी चीजें इस ओर संकेत कर रही हैं कि महंगाई में और गिरावट आएगी। नवंबर से जनवरी के दौरान आधार प्रभाव की वजह से यह कुछ ऊपर जा सकती है। लेकिन मार्च तक यह रिजर्व बैंक के निर्धारित लक्ष्य से नीचे होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या अगले महीने रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, भट्टाचार्य ने इसकी संभावना से इनकार किया।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक गवर्नर ने संकेत दिया है कि वे आंकड़ों के आधार पर कदम उठाएंगे। संभवत: वित्त वर्ष के अंत तक ब्याज दरों में कटौती हो सकती है। रिजर्व बैंक ने ऊंची मुद्रास्फीति की वजह से ब्याज दरों को ऊपरी स्तर पर रखा है। वह चाहता है कि जनवरी, 2016 तक मुद्रास्फीति छह प्रतिशत पर आए। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्तूबर में घटकर पांच साल के निचले स्तर 1.77 प्रतिशत पर आ गई है। वहीं, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्तूबर में घटकर 5.52 प्रतिशत पर आ गई।