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नई दिल्ली : सीबीआई ने आज विशेष अदालत को सूचित किया है कि एक कोयला ब्लाक आवंटन के रिकॉर्ड को मामले में कथित रूप से शामिल नौकरशाहों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी पर विचार के लिए सक्षम प्राधिकरण के पास भेजा गया है। एजेंसी ने इस मामले में अपनी जांच की प्रगति रपट भी अदालत के समक्ष दाखिल की।
अदालत ने इस मामले में लोक सेवकों और कंपनी अधिकारियों के बीच कथित साठगांठ और उनकी भूमिका की आगे जांच करने को कहा था। अदालत ने मामले में आगे और जांच का निर्देश देते हुये कहा था कि ऐसा लगता है कि मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय के तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका उचित नहीं रही।
विशेष सीबीआई जज भरत पराशर ने कहा, ‘प्रगति रपट दाखिल की गई है। जांच अधिकारी का कहना है कि संबद्ध रिकॉर्ड सक्षम प्राधिकार को भेजा है ताकि वह लोकसेवकों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी पर विचार किया जा सके।’ मामले में आगे सुनवाई 30 मार्च को तय की गई है। सीबीआई ने इस मामले में नागपुर की ग्रेस इंडस्ट्रीज (जीआईएल) तथा इसके एक निदेशक मुकेश गुप्ता के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।
अदालत ने अपने पूर्व के आदेश में कहा था कि जबकि तत्कालीन कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव ने विशेष रूप से टिप्पणी की थी कि महाराष्ट्र की लोहारा :पूर्व: कोयला ब्लाक के आवंटन के लिए जीआईएल ‘पात्र नहीं’ थी तो प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को सम्बद्ध फाइल तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समक्ष दाखिल करने से पहले इस मुद्दे का उल्लेख करना चाहिए था।