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नई दिल्ली : वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने आज कहा कि सरकार व्यापार माहौल में सुधार को लेकर गंभीर है और कर एवं नियामकीय प्राधिकरणों को जरूरत से ज्यादा सक्रियता प्रदर्शित नहीं करने को कहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार का मकसद कोई अड़ंगा या अवरोध खड़ा करना नहीं है। नियामकीय गुणवत्ता सुधरेगी लेकिन तीव्रता और गहनता नहीं बढ़ायी जाएगी।
निर्मला ने कहा कि सरकार माल ढुलाई की लागत कम करने के लिए आधुनिक ढांचागत सुविधा पर खर्च कर रही है। साथ ही ऑनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा दे रही है ताकि लोगों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़े।
उद्योग मंडल सीआईआई के ‘इनवेस्ट नॉर्थ’ कार्यक्रम में निर्मला ने कहा, ‘हम यहां बाधा या अवरोध पैदा करने के लिए नहीं हैं। नियामकीय गुणवत्ता सुधरेगी, नियामकीय विषयवस्तु में सुधार होगा लेकिन तीव्रता या गहनता में कोई बदलाव नहीं होगा जिसके साथ वे नियमन करते हैं।’ मंत्री ने उद्योग समुदाय से कारोबार सुगमता के लिये विभिन्न कदमों के बारे में सुझाव देने को लेकर केंद्र तथा राज्य सरकारों के साथ और अधिक जुड़ने को कहा।
उन्होंने कहा कि अब राज्य अपने व्यापार माहौल में सुधार के लिये एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। मंत्रालय इस साल वास्तविक समय के आधार पर राज्यों का मूल्यांकन कर रहा है जिसका मतलब है कि रैंकिंग गतिशील होगी। मूल्यांकन पिछले साल के 91 मानदंडों के मुकाबले इस साल 340 मानदंडों के आधार पर किया जा रहा है।
सभी राज्यों से इसमें भाग लेने का अनुरोध करते हुए निर्मला सीतारमन ने कहा कि 12 राज्यों ने इनमें से 75 प्रतिशत मानदंडों को पूरा किया है। निर्मला ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई नीति को उदार बनाये जाने के बाद कई पूछताछ किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यापारियों एवं घरेलू कंपनियों के लिये लाजिस्टिक लागत में कमी लाने के लिये सरकार अंतर्देशीय जलमार्ग के पुनरूद्धार और विकास के लिये काम कर रही है।
मंत्री ने कहा, ‘बुनियादी ढांचा सृजित करने के लिये केंद्रित रूप से सार्वजनिक व्यय किया जा रहा है।’ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर के जिक्र के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘सीमा पर क्या हो रहा है और जिस तरीके से घुसपैठ हो रही है तथा कभी-कभी हमारे क्षेत्र में हमले हो रहे हैं, जिसके तार हमारे पड़ोसी देश से जुड़े हैं, भारत ने इस पर व्यापक विचार अपनाया है।’
निर्मला ने कहा, ‘इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरे मंत्रिमंडल ने तथ्यों को संज्ञान में लिया है। वे इस पर उचित निर्णय करेंगे।’ यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान को सर्वाधिक तरजीही देश (एमएफएन) का दर्जा दिया गया है, क्या इसे वापस लिये जाने का विचार है, मंत्री ने कहा, ‘अगर ऐसा कुछ होता है, हम आपको बताएंगे।’ भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया। हालांकि पाकिस्तान ने भारत को अब तक यह दर्जा नहीं दिया है।