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नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज की पेट्रोरसायन और रिफानरी परियोजनाएं पूरी होने पर उसकी कर्ज की स्थिति दो साल में सुधर सकती है। यह बात साख निर्धारक फर्म मूडीज ने कही है।
मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज की एक रपट के मुताबिक रिफाइनिंग मार्जिन बढ़ने से आरआईएल का इस साल जनवरी-मार्च तिमाही का नतीजा बेहतर रहा। अगले दो साल में परियोजनाओं के पूरा होने पर इसका वित्तीय परिदृश्य सुधरेगा।
रिलायंस की परियोजनओं में इसकी रिफाइनरी में पेटकोक गैसीकरण संयंत्र, पेट्रोरसायन संयत्र में रिफाइनरी से निकली गैस की कैक्रिंग इकाई, पालिएस्टर और सुगंधित पेट्रोरसायनों के विनिर्माण की क्षमता के विस्तार के लिए अमेरिका से इथेन का आयात शामिल है।
आरआईएल का मुनाफा मार्च 2015 को समाप्त तिमाही के दौरान आठ प्रतिशत बढ़ा हालांकि इस दौरान आय में 26 प्रतिशत की गिरावट आई। आय में गिरावट कच्चे तेल का दाम घटने का नतीजा है। जून 2014 से कच्चे तेल की कीमत में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई है। मूडीज के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ रिण अधिकारी विकास हलान ने कहा कि मार्च 2015 की तिमाही में आरआईएल के ऋण का स्तर बढ़ा क्योंकि कंपनी ने परियोजनाओं का कार्यान्वयन किया और अपने दूरसंचार कारोबार में निवेश किया।