सुधारों में देरी की चिंता में सेंसेक्स 630 अंक टूटा
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सुधारों में देरी की चिंता में सेंसेक्स 630 अंक टूटा

महत्वपूर्ण भूमि अधिग्रहण व वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संशोधन विधेयक पारित होने में देरी से व्यापक आधार पर चले बिकवाली के दौर के बीच बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 630 अंक टूटकर 27,000 अंक से नीचे आ गया। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 8,200 अंक से नीचे आ गया।

मुंबई : महत्वपूर्ण सुधार विधेयक संसद में लटकने से व्यापक आधार पर चले बिकवाली के दौर के बीच बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज 630 अंक टूटकर 27,000 अंक से नीचे आ गया। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 8,200 अंक से नीचे आ गया। इसके अलावा वैश्विक बांड बाजार में कमजोरी से भी स्थानीय बाजार में निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।

कारोबारियों ने कहा कि सरकार द्वारा कराधान के मोर्चे पर आश्वस्त किए जाने के बावजूद विदेशी निवेशकों की चिंता से बाजार प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा रुपया भी कमजोर पड़कर 64 प्रति डॉलर से नीचे चला गया है। इससे भी यहां धारणा प्रभावित हुई।

पिछले दो सत्रों में अच्छा लाभ दर्ज करने वाला बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स नकारात्मक रूख के साथ खुला। बड़ी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से सेंसेक्स 27,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 26,837.39 अंक तक आ गया। अंत में यह 629.82 अंक या 2.29 प्रतिशत के नुकसान से 26,877.48 अंक पर बंद हुआ। न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) के मुद्दे पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स 908.19 अंक चढ़ा था। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 198.30 अंक या 2.38 प्रतिशत के नुकसान से 8,200 अंक से नीचे 8,126.95 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान यह 8,115.30 से 8,326.65 अंक के दायरे में रहा।

जियोजित बीएनपी परिबा फाइनेंशियल सर्विसेज के आधारभूत अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा, बाजार में हाल के संशोधन में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की भूमिका है। हालांकि, मैट पर उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। यूरोप में बांड प्राप्ति में बढ़ोतरी तथा रुपये में कमजोरी से भी वैश्विक प्रवाह प्रभावित हो रहा है।

कारोबारियों ने कहा कि जीएसटी समेत कुछ महत्वपूर्ण विधेयक राज्यसभा में अटके हुए हैं। इससे सरकार के आर्थिक सुधारों में और देरी की आशंका प्रबल हो गई है। अप्रैल माह के खुदरा मुद्रास्फीति व मार्च के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों से पहले भी बाजार में सतर्कता का माहौल था।

यूनान के ऋण संकट के चलते वैश्विक बांड बाजार में उतार चढ़ाव तेज हो गया है और अमेरिका में दस वर्ष की परिपक्वता वाले ट्रेजरी-बिल (सरकारी बांड) पर यील्ड (प्रतिफल की दर) दिसंबर के शुरू के बाद के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी है। इस बीच, सेंसेक्स में आई जोरदार गिरावट से निवेशकों की पूंजी दो लाख करोड़ रुपये घट गई। वेरासिटी ब्रोकिंग सर्विसेज के शोध प्रमुख जिग्नेश चौधरी ने कहा, अब कारोबारियों को इस सप्ताह आने वाले कई अमेरिकी आंकड़ों का इंतजार है, जिससे बाजार को आगे की दिशा मिलेगी।

एशियाई बाजारों में आज मिलाजुला रख रहा। हांगकांग, सिंगापुर व दक्षिण कोरिया के बाजार नुकसान में रहे। वहीं चीन, जापान व ताइवान में लाभ रहा। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार नीचे चल रहे थे। सेंसेक्स के 30 शेयरों में टाटा स्टील में सबसे अधिक 6.29 प्रतिशत की गिरावट आई। भेल में 5.07 प्रतिशत, वेदांता में 4.98 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक में 4.59 प्रतिशत, टाटा पावर में 3.64 प्रतिशत, एलएंडटी में 3.40 प्रतिशत, एक्सिस बैंक में 3.34 प्रतिशत, हिंडाल्को में 3.20 प्रतिशत, एसबीआई में 3.13 प्रतिशत, रिलायंस इंडस्ट्रीज में 3.06 प्रतिशत, ओएनजीसी में 3.02 प्रतिशत और टाटा मोटर्स में तीन प्रतिशत का नुकसान रहा। हालांकि डॉ रेड्डीज लैब का शेयर उम्मीद से बेहतर नतीजों से 3.31 प्रतिशत चढ़ गया। हीरो मोटोकार्प में 3.18 प्रतिशत का लाभ रहा।

 

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