नये मॉडल लाएगी टाटा मोटर्स, तीसरी बड़ी कंपनी बनने का लक्ष्य
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नये मॉडल लाएगी टाटा मोटर्स, तीसरी बड़ी कंपनी बनने का लक्ष्य

घरेलू कंपनी टाटा मोटर्स ने 2019-20 तक मारुति सुजुकी और हुंदै के बाद तीसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है और इसके लिये उसने काम्पैक्ट एसयूवी, प्रीमियम हैचबैक तथा एक्जक्यूटिव सेडान समेत नये वाहन उतारने की योजना बनायी है।

नये मॉडल लाएगी टाटा मोटर्स, तीसरी बड़ी कंपनी बनने का लक्ष्य

नयी दिल्ली: घरेलू कंपनी टाटा मोटर्स ने 2019-20 तक मारुति सुजुकी और हुंदै के बाद तीसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है और इसके लिये उसने काम्पैक्ट एसयूवी, प्रीमियम हैचबैक तथा एक्जक्यूटिव सेडान समेत नये वाहन उतारने की योजना बनायी है।

फिलहाल कंपनी मात्रा के हिसाब से 5वें पायदान पर है और वह अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में अंतर को पाटने पर गौर कर रही है क्योंकि उसके पास जो मॉडल उपलब्ध है, वह यात्री वाहन खंड में केवल 60% को कवर करता है। इसके अलावा कंपनी लागत में कमी लाने पर भी ध्यान दे रही है।

टाटा मोटर्स के अध्यक्ष (यात्री वाहन, व्यापार इकाई) मयंक पारीक ने कहा, ‘हमने अगले 5 साल के लिये उत्पाद योजना को अंतिम रूप दे दिया है। आज टोटा मोटर्स कुल बाजार के 60% से कम को कवर करती है और हमने उत्पाद रणनीति में जिस एक चीज पर ध्यान दिया है, उसमें 100% बाजार में अपनी मौजूदगी को बढ़ाना है।’ उन्होंने कहा कि इस कदम से कंपनी को अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।

यह पूछे जाने पर कि कंपनी किस खंड में प्रवेश करना चाहेगी, उन्होंने कहा, ‘जिस 40 प्रतिशत खंड में हमारी उपस्थिति नहीं है, उस पर हमारा ध्यान होगा। उदाहरण के लिये प्रीमियम हैचबैक खंड है, जहां हम नहीं है। इसीलिए हमारे लिये स्पष्ट रूप से एक व्यापक खंड है। इसी प्रकार, एक्जक्यूटिव सेडान और काम्पैक्ट एसयूवी खंड में हम नहीं हैं।’

मयंक पारीक ने कहा कि अगले साल जनवरी में हेक्सा एसयूवी पेश करने के साथ कंपनी तेजी से वृद्धि कर रहे खंड में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहेगी। उन्होंने कहा, ‘हमने 2019-20 तक तीसरे नंबर पर आने का लक्ष्य रखा है।’ पारीक ने यह भी कहा कि हमारे कई मॉडल विकास के विभिन्न चरणों में है।

कंपनी ने कहा, ‘योजना पर काम हो रहा है और कई विकास की अग्रिम अवस्था में पहुंच गयी हैं हमने पहले ही काफी निवेश किया है।’ कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में अनुसंधान एवं विकास पर 3,500 करोड़ रुपये से 4,000 करोड़ रुपये का निर्धारण किया है। टाटा मोटर्स हर साल अनुसंधान एवं विकास पर खर्च करती है।

 

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