ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का आज पांचवा दिन, गतिरोध जारी
Advertisement

ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का आज पांचवा दिन, गतिरोध जारी

देश भर में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का आज पांचवा दिन है। आंदोलन कर रहे ट्रक संचालकों के शीर्ष संगठन एआईएमटीसी और सरकार के बीच गतिरोध से देश के विभिन्न भागों में सामान की ढुलाई प्रभावित हुयी है। समाधान के लिए मौजूदा टोल सिस्टम को खत्म करने की मांग कर रहे ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के प्रतिनिधियों की आज शाम सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात होने वाली है।

ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का आज पांचवा दिन, गतिरोध जारी

नई दिल्ली : देश भर में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का आज पांचवा दिन है। आंदोलन कर रहे ट्रक संचालकों के शीर्ष संगठन एआईएमटीसी और सरकार के बीच गतिरोध से देश के विभिन्न भागों में सामान की ढुलाई प्रभावित हुयी है। समाधान के लिए मौजूदा टोल सिस्टम को खत्म करने की मांग कर रहे ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के प्रतिनिधियों की आज शाम सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात होने वाली है।

एआईएमटीसी के अध्यक्ष भीम बाधवा ने को बताया, ‘हम आज शाम सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री से मुलाकात करेंगे। हमें कुछ सकारात्मक समाधान की उम्मीद है। जैसा समाधान निकलता है उस आधार पर हम अपनी कार्यकारणी समिति की बैठक बुलाएंगे जिसमें यह फैसला किया जाएगा कि हड़ताल आगे जारी रखी जाए या नहीं।’ गतिरोध खत्म करने में सरकार के साथ पूर्व की बातचीत नाकाम हो चुकी है इसलिए एआईएमटीसी ने मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हस्तक्षेप की मांग की है।

सरकार ने देश भर में दिसंबर से इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शनल सिस्टम का प्रस्ताव दिया है लेकिन ट्रक संचालकों का दावा है कि यह एक व्यवहारिक समाधान नहीं है क्योंकि इस संबंध में एक परीक्षण परियोजना असफल हो चुकी है। मौजूदा टोल सिस्टम को खत्म करने की मांग के साथ ही एआईएमटीसी करों की एक बार अदायगी और टीडीएस प्रक्रिया के सरलीकरण की भी मांग कर रहा है। संगठन का कहना है कि मौजूदा टोल सिस्टम से ट्रक चालकों को परेशान भी किया जाता है।

गडकरी ने पहले कहा था, ‘सरकार टोल खत्म नहीं कर सकती क्योंकि करीब 325 टोल बूथ का आधा निजी क्षेत्र से संबंधित है जिसके लिए सरकार पर दो-तीन लाख करोड़ रूपये का दावा बन सकता है।’ एआईएमटीसी का दावा है कि पांच दिनों में ट्रक चालकों को 7,500 करोड़ रूपये का घाटा हुआ होगा जबकि सरकार को 50,000 करोड़ रूपये से अधिक का नुकसान हो सकता है।

संगठन के अंतर्गत देश भर में 87 लाख ट्रक, 20 लाख बस और टैंपो हैं। राज्यों से मिली खबरों के मुताबिक तमिलनाडु, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, बिहार और उत्तरप्रदेश समेत अन्य जगहों पर सामान की आवाजाही पर असर पड़ा है। एआईएमटीसी की तरफ से आहूत अनिश्चितकालीन हड़ताल से दूध, सब्जियों और दवा जैसी जरूरी चीजों की आपूर्ति को छूट दी गयी है। ट्रक संचालकों के एक अन्य संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (एटवा) ने हड़ताल से अलग रहने का फैसला किया है।

Trending news