CISF vs CRPF: अब संसद की सुरक्षा का जिम्मा CRPF नहीं CISF के हाथों में, जानिए क्या है दोनों के बीच अंतर
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CISF vs CRPF: अब संसद की सुरक्षा का जिम्मा CRPF नहीं CISF के हाथों में, जानिए क्या है दोनों के बीच अंतर

Parliament Security: देश के दो सुरक्षा बल CRPF और CISF इन दिनों काफी चर्चा में है, क्योंकि संसद की सुरक्षा का जिम्मा अब CISF के हाथों में होगा. परिसर से CRPF के जवानों को वापस बुला लिया है. जानिए दोनों में क्या है अंतर...

CISF vs CRPF: अब संसद की सुरक्षा का जिम्मा CRPF नहीं CISF के हाथों में, जानिए क्या है दोनों के बीच अंतर

Parliament Security: भारत की संसद की सुरक्षा की कमान अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के (Central Industrial Security Force) के पास होगी. पहले इसकी सुरक्षा में की जिम्मेदारी केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force, CRPF) के जवान के हाथ में थी. संसद की सुरक्षा में लगे 1400 से ज्यादा सीआरपीएफ (CRPF) जवानों को वापस बुला लिया गया है. सोमवार से पार्लियामेंट की सिक्योरिटी का  जिम्मा सीआईएसएफ (CISF) ने संभाल लिया. अब सीआईएसएफ के 3300 जवान इसकी सुरक्षा करेंगे. ऐसे में लोगों के मन यह सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इन दोनों सुरक्षा बलों में क्‍या अंतर है और उनके कार्यों में क्‍या फर्क होता है.

पार्लियामेंट की सुरक्षा
सीआईएसएफ (CISF) के 3,300 से ज्यादा कर्मियों ने पार्लियामेंट की सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली.  संसद में तैनात रहे CRPF के पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (PDG) ने 17 मई को अपने 1400 जवानों को वापस बुला लिया है. इसके साथ ही अपनी सभी गाड़ियों, हथियार और कमांडो भी हटा लिए हैं. जानकारी के मुताबिक 13 दिसंबर 2023 को हुई संसद की सुरक्षा में हुई चूक के बाद ये फैसला लिया गया है. 

सीआरपीएफ में नौकरी
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) देश के सभी केंद्रीय सशस्त्र बलों में सबसे बड़ी पुलिस फोर्स है. इन सुरक्षा बलों पर राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून-व्यवस्था और आतंकवाद से लड़ने की जिम्मेदारी होती है. सीआरपीएफ की स्‍थापना 1939 में क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के तौर पर की गई थी. आजादी के बाद 28 दिसंबर 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम के लागू होने के बाद इसे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का नाम मिला. 

सीआरपीएफ जवानों की सैलरी
सीआरपीएफ में असिस्‍टेंट कमांडेट, सब इंस्‍पेक्‍टर और कॉन्स्‍टेबल की डायरेक्ट नियुक्तियां की जाती हैं. 
जानकारी के मुताबिक सब इंस्पेक्टर पद पर चयनित उम्‍मीदवारों को लेवल 6 के तहत 35,400, 1,12,400 रुपये का पे स्केल मिलता है. इनका सालाना पैकेज तकरीबन 6 से 7 लाख रुपये होता है. शुरुआत में उन्हें 54,000-60,000 के बीच इन हैंड सैलरी मिलती है.
सीआरपीएफ कॉन्स्टेबल को 21,700-69,100 रुपये मंथली सैलरी मिलती है.इनकी इन हैंड सैलरी 25000-30,000 रुपये के करीब होती है. 
असिस्‍टेंट कमांडेंट को लेवल 10 के तहत 56,100 रुपये का बेसिक पे मिलता है. इसके अलावा महंगाई, मकान का किराया, मेडिकल, राशन, यातायात समेत कई तरह के भत्ते मिलते हैं.

सीआईएसएफ में नौकरी
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का गठन साल 1969 में हुआ था, जिसका मुख्‍य उद्देश्य सरकारी कारखानों और अन्‍य सरकारी उपक्रमों की सुरक्षा करना है. भारत सरकार के सभी सरकारी संस्‍थानों जैसे हवाई अड्डों से लेकर रेलवे स्टेशन आदि की सुरक्षा का जिम्मा इसी के पास है. इसके अलावा परमाणु संयंत्र, पोर्ट, एयरपोर्ट, पीएसयू आदि की सुरक्षा की कमान भी सीआईएसएफ को सौंपी गई है. 

सीआईएसएफ जवानों की सैलरी
जानकारी के मुताबिक सीआईएसएफ में हेड कॉन्स्टेबल के लिए तयनित उम्मीदवारों को पे लेवल-4 मिलता है, जिसके तहत पे स्केल 25,500-81,100 रुपये मंथली तक सैलरी मिलती है. सीआईएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट को पे लेवल 10 के तहत सैलरी मिलती है. इनकी बेसिक सैलरी 56,100 रुपये होती है. जबकि, सब इंस्पेक्टरको बेसिक सैलरी के तौर पर 35,400 रुपये मंथली दिए जाते हैं. 

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