Top Ki Flop: तीन बार बदला सलमान की इस फिल्म का टाइटल, परंतु ऐसी हुई फ्लॉप कि लोगों को आज नाम भी नहीं याद
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Top Ki Flop: तीन बार बदला सलमान की इस फिल्म का टाइटल, परंतु ऐसी हुई फ्लॉप कि लोगों को आज नाम भी नहीं याद

Salman Khan Film: सलमान खान ने अपने करियर में खूब उतार चढ़ाव देखे हैं. एक दौर में वह हिट मशीन थे. लेकिन अब पहले वाली स्थिति नहीं रही. उन्होंने अपने शुरुआती दौर में हर तरह के रोल का जोखिम लिया और उनके पिता ने भी उन्हें खूब सहयोग किया. परंतु बाद में सलमान अकेले आगे बढ़े.

 

Top Ki Flop: तीन बार बदला सलमान की इस फिल्म का टाइटल, परंतु ऐसी हुई फ्लॉप कि लोगों को आज नाम भी नहीं याद

Yeh majhdhar: सलमान खान की इस फिल्म का नाम शायद आपने कभी सुना भी न हो. यह भी हो सकता है कि आपसे सलमान की फिल्मों के नाम पूछे जाएं और आपको यह फिल्म याद ही न आए. यह मझधार (1996) की गिनती सलमान खान की टॉप की फ्लॉप फिल्मों में की जाती है. इसमें सलमान के साथ मनीषा कोईराला, राहुल रॉय और राज बब्बर की मुख्य भूमिकाएं थी. सलमान के पिता, सलीम खान जैसे मंजे हुए राइटर ने स्क्रिप्ट लिखी थी. इस्माईल श्रॉफ ने निर्देशन किया था. सब कुछ अच्छा होने के बावजूद फिल्म दर्शकों द्वारा पसंद नहीं की गई. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म डिजास्टर साबित हुई. डेढ़ करोड़ में बनी यह फिल्म 50 लाख की भी कमाई नहीं कर पाई.

मझधार में फंसी कहानी
फिल्म की कहानी बचपन के तीन दोस्तों की थी. कृष्णा (राहुल रॉय), राधा (मनीषा कोईराला) और गोपाल (सलमान खान). कृष्णा और राधा दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं. वहीं गोपाल भी राधा से प्यार करता है. लेकिन वह गरीब है. राधा के पिताजी गोपाल के सामने शर्त रखते हैं कि वह पहले इस काबिल बने कि उनकी बेटी का हाथ मांग सके तभी उनके सामने आए. गोपाल, पैसा कमाने निकल पड़ता है. वह काबिल बनकर वापस लौटता है, लेकिन उस बीच कृष्णा और राधा प्यार में काफी आगे निकल जाते हैं. राधा प्रेग्नेंट हो जाती है. लेकिन दोस्ती की खातिर कृष्णा, राधा और गोपाल को छोड़कर चला जाता है. इसके बाद भी कहानी में कई उतार चढ़ाव आते हैं.

आइडिया किया ड्रॉप
फिल्म के फ्लॉप होने की सबसे बड़ी वजह बनी मेकिंग में देरी. यह मझधार 1992 में बनना शुरू हुई थी. फिल्म बनने में दो साल लगे. लेकिन राइटर-प्रोड्यूसर के बीच फिल्म के अंत को लेकर काफी तनातनी चली. फिल्म की मेकिंग से रिलीज तक चार साल गुजर गए. जिसके कारण फिल्म ने सारा क्रेज खो दिया. साथ ही कोई डिस्ट्रीब्यूटर फिल्म को खरीदने के लिए तैयार नहीं था. जिसके कारण प्रोड्यूसर-डायरेक्टर फिल्म को दूरदर्शन पर रिलीज करने की प्लानिंग करने लगे. उन्हें लग रहा था कि हो सकता है दूरदर्शन पर रिलीज के बाद दर्शकों को फिल्म इतनी पसंद आए कि कोई डिस्ट्रीब्यूटर फिल्म को थियेटर्स में रिलीज करने के लिए तैयार हो जाए. लेकिन बाद में यह आइडिया ड्रॉप कर दिया गया.

आखिरी बार गाना
फिल्म का फाइनल कट फरवरी 1995 में तैयार हो गया था. कई दिक्कतों के बाद मार्च 1996 में फिल्म रिलीज हो पाई. लेकिन जब रिलीज हुई तो दर्शकों ने इसे सिरे से नकार दिया. फिल्म की कहानी काफी घिसी पिटी थी. लोगों को यह शो मैन राज कपूर की सुपर डुपर हिट संगम (1964) की कॉपी जैसी लगी. फिल्म का टाइटल पहले ऐ मेरे दोस्त, फिर मझधार और इसके बाद अंत में यह मझधार किया गया. फिल्म की कास्टिंग में भी कई बदलाव किए गए. यह मझधार वह आखिरी फिल्म थी जिसमें एस.पी. बालासुब्रमण्यम ने सलमान खान के लिए गाया था.

 

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