अकेले भ्रमण करना उन्मुक्तता का अहसास दिलाता है: कल्कि कोचलिन
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अकेले भ्रमण करना उन्मुक्तता का अहसास दिलाता है: कल्कि कोचलिन

अभिनेत्री कल्कि कोचलिन का कहना है कि जब भी वे अकेले भ्रमण पर निकलती हैं तो वह अनुभव उन्हें उन्मुक्तता का अहसास दिलाता है। जब वे 18 वर्ष की थीं तब पहली बार अकेले भ्रमण पर निकली थीं।

अकेले भ्रमण करना उन्मुक्तता का अहसास दिलाता है: कल्कि कोचलिन

नयी दिल्ली: अभिनेत्री कल्कि कोचलिन का कहना है कि जब भी वे अकेले भ्रमण पर निकलती हैं तो वह अनुभव उन्हें उन्मुक्तता का अहसास दिलाता है। जब वे 18 वर्ष की थीं तब पहली बार अकेले भ्रमण पर निकली थीं।

32 वर्षीय कल्कि ने बताया, ‘यह बहुत जरूरी है कि महिलाएं अकेले यात्रा करें। यह आपको सशक्त होने का अहसास दिलाता है। आप अपने लिए चुनना सीखते हैं। आपको जानकार और समझदार होना चाहिए। यह संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है।’ उनके मुताबिक देश के उत्तरी क्षेत्र के मुकाबले दक्षिणी इलाका पर्यटकों के लिए ज्यादा मित्रवत है। उन्होंने बताया कि किसी भी स्थल की खूबसूरती का आनंद उठाने के लिए वे यात्रा पर अपने फोन को लेकर नहीं जाती हैं।

फिलहाल वे फॉक्स लाइफ के लिए एक यात्रा कार्यक्रम कर रही हैं जिसका नाम है ‘कल्किज ग्रेट एस्केप’। इस शो में पूर्वोत्तर क्षेत्र का उनका यात्रा वृतांत दिखाया जाएगा। इस शो में उनके पिता जोएल कोचलिन भी नजर आएंगे। इसके लिए पिता और पुत्री ने असम, मेघालय और अरूणाचल प्रदेश की यात्रा की है। कल्कि ने कहा, ‘पूर्वोत्तर की सबसे अच्छी बात वहां के लोगो का खुलापन है। वहां का समाज महिलाओं के प्रति काफी उदार है।

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